Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिकाघाट पर तीन दिवसीय श्रृंगार महोत्सव का रूद्राभिषेक से आगाज
वाराणसी, 26 मार्च (हि.स)। वासंतिक चैत्र नवरात्र के सप्तमी तिथि पर परम्परानुसार मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट पर महाश्मशान नाथ के समक्ष नगर वधुएं मोक्ष की चाह में नृत्य पेश करेंगी। नवरात्रि की पंचमी तिथि रविवार से श्रीश्री 1008 बाबा महाश्मसान नाथ (मणिकर्णिका घाट) का त्रि-दिवसीय श्रृंगार महोत्सव रूद्राभिषेक से शुरू हुआ। महोत्सव में दूसरे दिन सोमवार को भव्य भण्डारा और रात्रि भजन जागरण कार्यक्रम होगा। तीसरे दिन मंगलवार को तांत्रिक प्रयोग के पंचमकार पूजन अभिषेक के बाद शाम को नगर वधुओं की नृत्यांजलि कार्यक्रम रात्रि पर्यंत चलता रहेगा। रविवार को ये जानकारी महाश्मशान सेवा समिति के गुलशन कपूर ने दी।
गुलशन कपूर ने बताया कि मोक्षतीर्थ पर यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। कहा जाता है कि राजा मानसिंह ने जब महाश्मशान नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। तब मंदिर में संगीत कार्यक्रम के लिए कोई भी तत्कालीन बड़ा कलाकार आने के लिए तैयार नहीं हुआ था। कलाकारों के न आने से राजा मानसिंह काफी दुखी हुए और यह संदेश धीरे-धीरे पूरे नगर में फैल गया। इसकी जानकारी काशी के नगरवधुओं को हुई तो उन्होंने अपना संदेश राजा मानसिंह तक भिजवाया कि यह मौका उन्हें मिलता है तो काशी की सभी नगरवधुएं अपने आराध्य संगीत के जनक नटराज महाश्मशानेश्वर को अपनी भावांजलि प्रस्तुत कर सकती हैं। यह संदेश पाकर राजा मानसिंह काफी प्रसन्न हुए और पूरे सम्मान के साथ नगरवधुओं को आमंत्रित किया और तब से यह परंपरा चली आ रही है।
गुलशन कपूर बताते है कि सैकड़ों वर्ष बीतने के बाद भी यह परंपरा जीवित है और बिना बुलाए नगरवधुएं कहीं भी रहें, चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को काशी के मणिकर्णिका धाम स्वयं आती हैं। धधकती चिताओं के बीच नगरवधुएं बाबा के समक्ष नृत्य पेश कर अपने नारकीय जीवन से मुक्ति के लिए गुहार भी लगाती है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर