भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में बोलने की आजादी से नहीं होना चाहिये समझौता : राज्यपाल
कोलकाता, 26 मार्च (हि.स.)। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस रविवार सुबह कोलकाता प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम
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कोलकाता, 26 मार्च (हि.स.)। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस रविवार सुबह कोलकाता प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में बोलने की आजादी से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। हालांकि राजनीति से जुड़े सवालों को उन्होंने टाल दिया। दरअसल, मोदी के नाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की वजह से राहुल गांधी को फिलहाल संसदीय राजनीति से निर्वासित कर दिया गया है। इसके खिलाफ कांग्रेस ने जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया है। रविवार से ''सत्याग्रह'' शुरू हो गया है। राहुल ने खुद इस मुद्दे को एक चुनौती के रूप में लिया और दृढ़ता से कहा कि वह राजनीतिक मुकाबले में भले ही न रहें, लेकिन वह युद्ध का मैदान नहीं छोड़ेंगे। अधिकांश विपक्षी दल उनके साथ खड़े हैं। इस मुद्दे पर जब राष्ट्रीय राजनीति गर्म हुई तो बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अभिव्यक्ति की आजादी की मांग की। उनके मुताबिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत का अमूल्य आभूषण है। उससे समझौता नहीं करना चाहिए। राज्य के संवैधानिक प्रमुख के तौर पर बोलने की आजादी पर आनंद बोस के बयान को लोकतंत्र को मजबूत करने के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन साफ है कि उनके भाषण का असली निशाना हाल के हालात हैं। हिन्दुस्थान समाचार/भानुप्रिया/गंगा