(अपडेट) असम : मतांतरितों को जनजाति सूची से बाहर करने की उठी मांग
-खानापाड़ा में जनजाति धर्म-संस्कृति सुरक्षा मंच के आह्वान पर विशाल जन समावेश -डी-लिस्टींग में विशाल
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-खानापाड़ा में जनजाति धर्म-संस्कृति सुरक्षा मंच के आह्वान पर विशाल जन समावेश

-डी-लिस्टींग में विशाल जनजाति हुंकार

गुवाहाटी, 26 मार्च (हि.स.)। जनजाति धर्म-संस्कृति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में रविवार को गुवाहाटी के खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा खेल मैदान पर असम के जनजाति समाज ने हुंकार भरी। मंच ने जनजाति समाज से धर्मातरित करने वालों के नाम जनजाति की सूची से हटाने की मांग की। मंच का कहना हैकि ऐसे लोगों को जनजाति के आरक्षण सहित किसी भी प्रकार के लाभ ना मिले।

मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि जनजाति समाज पर हो रहे इस अन्याय के विरोध में बहुत बड़ी संख्या में जनजाति बंधु अब जाग गए हैं। सभा का ऐसा मानना है कि जनजातियों की धर्म संस्कृति पर भी हमला हुआ है। इस जनसभा में विभिन्न जनजातियों ने परंपरागत रूप में अपने ईष्ट देवों की पूजा की। जनजाति धर्म-संस्कृति सुरक्षा मंच के अध्यक्ष जलेश्वर ब्रह्म, बोगीराम बोडो ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंच के सचिव बलराम फांगचो सहित बोडो कमेटी की बबीता ब्रह्म, राभा जनजाति के प्रतिनिधि के सुमेश्वर पातर, कार्बी कमेटी से प्रताप तेरंग, मिसींग कमेटी से एमजी एकलव्य गाम समेत अन्य कई नेता उपस्थित रहे।

जनजाति सुरक्षा मंच के केंद्रीय ऑब्जर्वर सत्येंद्र सिंह (जशपुर) से तथा मध्य प्रदेश से प्रकाश सिंह के उईके तथा रवींद्र उईके ने जनसभा में अपने विचार व्यक्त किए। अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के संगठन मंत्री सूर्य नारायण सुरी के नेतृत्व में आयोजित जनसभा अपनी आवज को उठाने में पूरी तरह से सफल नजर आई। उन्होंने कहा कि इस जनसभा के दौरान लोगों में जो उत्साह देखने को मिला, उससे समाज के जागरण का अनुभव हो रहा था। जनसभा ने भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों ने धर्मांतरण कर लिया है, उन्हें जनजाति की सूची से हटना चाहिए। क्योंकि आज जनजाति समाज के लिए जो लाभ संविधान ने दिए हैं, उसे धर्मांतरित लोग ही ले रहे है। वास्तव में जिन्हें लाभ मिलना चाहिए वे आज भी वंचित है। यह अन्याय अब जनजाति समाज सहन नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि अतीत में कभी कार्तिक उरांव ने यही मांग संसद में उठायी थी और इसके लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति ने भी समर्थन किया था। दुर्भाग्य से आज तक इस विषय की ओर किसी ने भी ध्यान नही दिया। इस अन्याय को अब जनजाति समाज सहन नहीं करेगा। अब धर्मांतरित ईसाई एवं मुस्लिमों के नाम इस सूची से हटवाकर ही मंच दम लेगा।

सभा का विनोद कुंबांग ने संचालन किया। नित्यरंजन डोले, विनय ब्रह्म, बाबुल बोडो, जोत्सना पेगु, सहित स्थानीय कई कार्यकर्ताओं ने जनसभा को सफल बनाने के लिए अपना सहयोग दिया।

इस जनसभा की एक खास विशेषता यह रही कि गुवाहाटी के 80 हजार नगरवासी परिवारों ने जनसभा में आए जनजाति बंधुओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गयी थी। अरुणाचल से पहुंचे जनजाति सुरक्षा मंच के उत्तर-पूर्वांचल के संयोजक गिचिक ताजा ने आयोजन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की। जनसभा में लोकनृत्य का भी मंचन हुआ। डि-लीस्टींग के लिए लडाई हो गई शुरु .... इस गीत पर मंच के नेताओं सहित सभी महिला-पुरुष झूम उठे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद