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जोशीमठ, 26 मार्च (हि.स.)। सेवा, त्याग, तपस्या, राष्ट्र भक्ति के लिए समर्पण और सुख-दुःख में देश समाज की चिंता करना ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का उद्देश्य है। इसके कारण ही संघ को विश्व में पहचान मिली है।यह
उद्बोधन रविवार को यहां संस्कृत महाविद्यालय के प्रांगण में नव वर्ष के अवसर पर आयोजित बौद्धिक कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य वक्ता धर्म जागरण के प्रांत प्रमुख ऋतुराज जी ने जोशीमठ नगर और खण्ड के स्वयंसेवकों को दिया।
उन्होंने कहा कि सीमान्त धर्म नगरी ज्योतिर्मठ-जोशीमठ में यह कार्यक्रम सृष्टि के स्थापना दिवस के मौके पर हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने भगवा ध्वज को गुरु का स्थान देते हुए शाखा और प्रार्थना का स्वरूप देकर आरएसएस को विश्व में पहचान दिलाई और अब संघ के अनेक अनुषांगिक संगठन देश समाज की सेवा में जुटे हैं। बौद्धिक कार्यक्रम की अध्यक्षता पीएनबी के सेनि प्रबंधक जोध सिंह कुंवर ने की।
नगर कार्यवाह द्रवेश्वर प्रसाद थपलियाल के संचालन में हुए कार्यक्रम में जिला प्रचारक राहुल जी, नगर संघ चालक दाता राम मिश्रा, विभाग प्रचार प्रमुख शम्भू प्रसाद चमोला, जिला कार्यवाह कालिका प्रसाद सेमवाल, विहिप विभाग अध्यक्ष देवी प्रसाद देवली, धर्म जागरण के प्रदेश संयोजक डॉ राहुल, परिवार प्रबोधन सह प्रमुख अब्बल सिंह और खंड कार्यवाह जगदंबा प्रसाद मैठाणी मौजूद थे।
इससे पूर्व बद्रीनाथ तिराहे से घोष के साथ सैकड़ों स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश के साथ पूरे नगर में पथ संचलन किया। इस दौरान स्थानीय महिलाएं अपने अपने छतों से पुष्प वर्षा कर रहे थे।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रकाश कपरुवाण