गुजरात में 50 आईटीआई में ड्रोन प्रशिक्षण की व्यवस्था : मुख्यमंत्री
-अहमदाबाद में नेशनल कांफ्रेंस ऑन ड्रोन टेक्नोलॉजी का आयोजन - कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी के ड्रोन मंत
गुजरात में 50 आईटीआई में ड्रोन प्रशिक्षण की व्यवस्था : मुख्यमंत्री


-अहमदाबाद में नेशनल कांफ्रेंस ऑन ड्रोन टेक्नोलॉजी का आयोजन

- कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी के ड्रोन मंत्रा लैब का उद्घाटन

अहमदाबाद, 25 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को अहमदाबाद में नेशनल कांफ्रेंस ऑन ड्रोन टेक्नोलॉजी का उद्घाटन करते हुए कहा कि गुजरात ने हमेशा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देशन में हर क्षेत्र में टॉप रहने और आगे बढ़ने के लिए प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने विज्ञान और टेक्नोलॉजी का लाभ अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों से लेकर सामान्य नागरिकों को उपलब्ध कराने का आह्वान किया है जिसे गुजरात अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। राज्य सरकार युवाओं को समयानुकूल टेक्नोलॉजी के माध्यम से रोजगार देने, स्किलिंग के नए मौके देने वाले पाठ्यक्रम तथा व्यवसायी शिक्षा को भी प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य सरकार के श्रम कौशल विकास तथा रोजगार विभाग की कौशल्या द स्किल यूनिवर्सिटी के उपक्रम में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस ऑन ड्रोन टेक्नोलॉजी के आरंभ सहित ड्रोन मंत्रा लैब के उद्घाटन के अवसर पर संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी एक विकासशील क्षेत्र है जिसमें प्रचुर मात्रा में संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने इसे प्रोत्साहन देने के लिए कौशल्या यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ ड्रोन के माध्यम से विभिन्न प्रशिक्षण शुरू करने की भी योजना बनाई है। पटेल ने आगे कहा कि राज्य की 50 आईटीआई में ड्रोन पायलट ट्रेनिंग-ड्रोन प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देशन में खेतों से लेकर खाली मैदानों तक और जरूरत के समय से लेकर आपातकालीन वक्त के दौरान लाइफ सेविंग तक ड्रोन टेक्नोलॉजी की पहुंच में विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि एक समय में विश्व का कोई भी तकनीक या नया अनुसंधान काफ़ी लंबे समय के बाद भारत आता था, अब प्रधानमंत्री ने देश में विज्ञान टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ऐसी सजगता बनाई है की तुरंत ही वो अघतन टेक्नोलॉजी हमारे पास विदेशों के साथ ही आ जाती है।

भूपेंद्र पटेल ने कोरोना काल में भारत द्वारा विकसित स्वदेशी वैक्सीन का इस संदर्भ में विशेष उल्लेख किया।

ड्रोन दूर-दराज के क्षेत्रों में सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी का माध्यम

मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन दूर-दराज के क्षेत्रों में सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी का माध्यम बना है। पर्यटन, आपदा, मीडिया सहित निगरानी तथा अनुसंधान के क्षेत्र में भी ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए कई अवसर हैं। खेतों में दवा के छिड़काव के लिए ड्रोन के उपयोग की पहल गुजरात ने की है। भारत सरकार के कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुलकुमार तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि केंद्र सरकार 2030 तक भारत को ग्लोबल ड्रोन हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। तिवारी ने कहा कि गुजरात हमेशा एक प्रमुख तथा अग्रणी राज्य रहा है। कौशल्या -द स्किल यूनिवर्सिटी से ड्रोन क्षेत्र में एक अभूतपूर्व काम होगा। जिससे अन्य राज्यों में, हम ड्रोन क्षेत्र विकसित करने तथा ड्रोन पॉलिसी लाने में भी मदद करेंगे। उन्होंने इस नेशनल कांफ्रेंस ऑन ड्रोन टेक्नोलॉजी में सहभागी होने का निमंत्रण प्रदान करने के लिए गुजरात सरकार का आभार व्यक्त किया।

भारत को ड्रोन हब बनाना लक्ष्य

इस कांफ्रेंस के माध्यम से, हमें कई सुझाव भी मिलेंगे, जिन पर हम आगामी समय में काम कर सकते हैं। इस अवसर पर श्रम, कौशल विकास तथा रोजगार विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अंजू शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विज़न भारत को ड्रोन हब बनाना है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, गुजरात को समग्र देश में ड्रोन टेक्नोलॉजी का कैपिटल बनाने के लिए हम काम कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ड्रोन क्षेत्र में मुख्यमंत्री का निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग मिलता रहा है। देश में विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के विभिन्न उपयोगों की आवश्यकता को देखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा देश को 'ड्रोन हब' बनाने के आह्वान को अपनाते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के करकमलों से कांफ्रेंस के साथ ही कौशल्या - द स्किल यूनिवर्सिटी द्वारा ड्रोन मंत्रा लैब का उद्घाटन किया गया। जिसमें ड्रोन निर्माण के साथ-साथ ड्रोन प्रशिक्षण मिले ऐसी सुविधा भी बनाई गई है। ड्रोन निर्माण प्रशिक्षण के साथ-साथ ड्रोन भी तैयार किए जाएंगे, जिसके माध्यम से राज्य की कई तहसीलों में ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा सकेगा तथा ड्रोन के नए प्रयोग और शोधों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अलावा युवाओं को ड्रोन निर्माण के साथ-साथ ड्रोन डाटा एनालिसिस और प्रोग्रामिंग पाठ्यक्रम पढने का भी मौका मिलेगा।

कांफ्रेंस में 400 से अधिक लोग शामिल

कौशल्या-स्किल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की इस नेशनल कांफ्रेंस में ड्रोन क्षेत्र में काम करने वाले 50 से अधिक उद्योग, केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधिकारी, राज्य सरकार के ड्रोन क्षेत्र से संबंधित विभागों के अधिकारी, अनुसंधानकर्ता, ड्रोन स्टार्टअप सहित लगभग कुल 400 महानुभाव भाग लेंगे।

राष्ट्रीय ड्रोन हैकथॉन में देश के विभिन्न आईआईटी, एनआईटी, प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज, ड्रोन के क्षेत्र में काम करने वाले उद्योग और स्टार्टअप भाग लेंगे तथा इस हैकथॉन के लिए नामित क्षेत्रों के लिए अपने समाधान/प्रोटोटाइप प्रस्तुत करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पांडेय