छत्तीसगढ़ में शराब के दुष्प्रभाव से महिलाएं सर्वाधिक पीड़ित, शराबबंदी का वादा पूरा करे राज्य सरकार
- राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से बातचीत भिलाई नगर, 25 मार्च (हि.स.)। शराब के दुष्प्रभ
State government should fulfill the promise of prohibition


State government should fulfill the promise of prohibition


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- राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से बातचीत

भिलाई नगर, 25 मार्च (हि.स.)। शराब के दुष्प्रभाव से सर्वाधिक महिलाएं ही पीड़ित होती हैं इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार को शराबबंदी के अपने वादे को पूरा करना चाहिए। छत्तीसगढ़ में महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग को विगत वर्षों की तुलना में ज्यादा संख्या में शिकायतें प्रदेश से प्राप्त हो रही हैं। उपरोक्त बातें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कही।

भिलाई महिला महाविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए यहां पहुंचीं रेखा शर्मा के साथ राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे भी मौजूद थीं। रेखा शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला अपराध से संबंधित शिकायतें बढ़ रही हैं। आयोग को पूर्व की तुलना में ज्यादा शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस को कितनी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, इसकी जानकारी आयोग को नहीं है। छत्तीसगढ़ पुलिस उन शिकायतों पर कितनी कार्रवाई कर रही है, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं है। राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा पुलिस को शिकायतें भेजने के बाद भी उन्हें गंभीरतापूर्वक नहीं लिया जाता है। इस कारण से पिछले बार छत्तीसगढ़ के डीजीपी से उन्होंने मुलाकात भी की थी। उन्होंने डीजीपी से कहा था कि महिला उत्पीड़न के मामलों में पुलिस थोड़ा चुस्त और फुर्ती के साथ कार्य करे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा क्या कह रही है उससे उनका वास्ता नहीं है, लेकिन प्रदेश में महिला उत्पीड़न संबंधित शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।

शर्मा ने शराबबंदी के सवाल पर कहा कि शराबबंदी का जब प्रदेश सरकार द्वारा वादा किया गया था तो उसे पूरा किया जाना चाहिए। शराब के दुष्प्रभाव का असर ज्यादातर महिलाओं को ही सहन करना पड़ता है और वे ही इससे पीड़ित होती हैं। शराब के कारण पूरे परिवार को परेशानी का सामना करना पड़़ता है और सर्वाधिक पीड़ित महिलाएं ही होती हैं। इसलिए सरकार को इस विषय पर सोचना चाहिए और राजस्व की प्राप्ति के लिए अन्य संसाधनों पर विचार करना चाहिए। महिलाओं के प्रति जवाबदेही भी सरकार की ही बनती है।

रेखा शर्मा ने एक सवाल पर कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए आयोग भी पिछले कई वर्षों से अलग-अलग कार्यक्रम संचालित करता आ रहा है। महिला सशक्तीकरण आयोग लगातार प्रयासरत है और आयोग की सोच है कि केवल शिकायतों पर ही महिलाएं निर्भर ना रहें बल्कि महिलाएं इतनी सक्षम एवं शक्तिशाली हो जाएं कि उन्हें शिकायतों का अवसर ही प्राप्त ना हो।

हिन्दुस्थान समाचार/अभय जवादे