वाराणसी होगा देश का पहला शहर जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे होगा
-प्रधानमंत्री मोदी 24 मार्च को करेंगे शिलान्यास, कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा रोप-व
रोप-वे का माडल 


रोप-वे का माडल 


रोप-वे का माडल 


-प्रधानमंत्री मोदी 24 मार्च को करेंगे शिलान्यास, कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा रोप-वे

-पहुंचने में लगेंगे 16 मिनट, एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर होंगे सवार, एक घंटे में दोनों छोर से 6000 यात्री कर सकेंगे यात्रा

वाराणसी, 21 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भारत का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे की सौगात चैत्र नवरात्र में देंगे। 24 मार्च को प्रधानमंत्री वाराणसी दौरे पर रोपवे निर्माण का शिलान्यास करेंगे। रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा। डबल इंजन की सरकार की इस योजना से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा। ये योजना 644.49 करोड़ लागत की है। वाराणसी में नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी।

पूर्वी भारत का गेटवे कहे जाने वाला वाराणसी तेजी से विकास कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रोज विकास के नये आयाम जुड़ रहे हैं। वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे पहले चरण में वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच चलाया जाएगा। काशी के पुराने इलाकों की सड़कें सकरी होने और यातायात का दबाव निरंतर बढ़ने से अक्सर यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे देशी विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी बताते हैं कि बोलीविया के लापाज और मैक्सिको के बाद भारत विश्व में तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है और इसका निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलपीएल) मिलकर करेंगी।

अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे। जिनमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। रोपवे की कुल दूरी 3.8 किलोमीटर होगी, जो करीब 16 मिनट में तय होगी। लगभग 50 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानि 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा। रोप-वे 2 साल के अंदर बन कर तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया की भूमि अधिग्रहण, तार व पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से चल रहा है।

रोप-वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। रोप-वे की ट्रॉली पर भी काशी की थाति देखने को मिल सकती है। कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज़ बस अड्डा है। इसलिए कैंट स्टेशन पर रोप वे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर