(अपडेट) राजस्थान संरक्षण विधेयक संशोधित रूप में पारित
जयपुर, 21 मार्च (हि.स.)। विधि एवं विधिक कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि अधिवक्ताओं के विर
राजस्थान विधानसभा


जयपुर, 21 मार्च (हि.स.)। विधि एवं विधिक कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि अधिवक्ताओं के विरूद्ध हिंसा को रोकने के लिए राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 लाया गया है। विधेयक में अधिवक्ताओं द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल किया गया है।

धारीवाल मंगलवार को विधानसभा में राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 पर हुई चर्चा पर जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को संशोधित रूप में पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि विधेयक कर्तव्यों के निर्वहन करने के दौरान किसी अधिवक्ता के विरूद्ध हमला, घोर उपहति, आपराधिक बल और आपराधिक अभित्रास को रोकने के लिए लाया गया है। इस कानून से अधिवक्ताओं को हिंसा के विरूद्ध संरक्षण मिलेगा।

विधि एवं विधिक कार्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां अधिवक्ताओं के संरक्षण की दिशा में ऐसा कानून लाया गया है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपये बार काउंसिल को दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि विधेयक के प्रावधानों को अधिवक्ताओं से विस्तृत चर्चा के बाद तैयार किया गया है। इस संबंध में वर्ष 2019 में प्रथम बैठक की गई थी। जिसके बाद कई अनौपचारिक बैठक कर विधेयक को तैयार किया।

धारीवाल ने बताया कि यदि कोई अपराधी किसी अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो न्यायालय द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति की राशि उससे वसूल कर पीड़ित अधिवक्ता को देने का प्रावधान किया गया है। क्षतिपूर्ति की इस राशि की त्वरित वसूली भू-राजस्व के बकाया की तर्ज पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिवक्ताओं द्वारा इस कानून का दुरूपयोग करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही, राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 प्रारूप के खण्ड 9 को विलोपित कर दिया गया है। इससे पूर्व सदन ने विधेयक को जनमत के लिए परिचालित करने के सुझावों को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर