हाईकोर्ट का कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इंकार
--कोर्ट ने कहा, आरोपमुक्त करने के लिए दाखिल अर्जी निस्तारण तक न की जाये कोई कार्रवाई प्रयागराज, 21
इलाहाबाद हाईकोर्ट


--कोर्ट ने कहा, आरोपमुक्त करने के लिए दाखिल अर्जी निस्तारण तक न की जाये कोई कार्रवाई

प्रयागराज, 21 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ 23 साल पुराने आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें आरोपमुक्त (उन्मोचन अर्जी) करने की अर्जी ट्रायल कोर्ट के समक्ष दाखिल करने की छूट दी है।

कोर्ट ने कहा कि उन्हें उन्मोचन अर्जी दाखिल करने का अधिकार है। उनके खिलाफ दो माह या उन्मोचन अर्जी के निस्तारित होने तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने रणदीप सिंह सुरजेवाला की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने उन्मोचन अर्जी दाखिल करने के लिए कांग्रेस सांसद को दो सप्ताह का समय दिया है।

कहा है कि अगर वह दो सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष उन्मोचन अर्जी दाखिल करते हैं तो उस पर विचार किया जाए और छह सप्ताह के भीतर उस पर शीघ्रता से निर्णय लिया जाए। कहा है कि इस दौरान उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। कांग्रेस सांसद के खिलाफ सन 2000 में आईपीसी की धारा 147, 332, 353, 336, 333, 427 और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की धारा तीन के तहत आरोप लगाए गए थे। जिसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ उन्होंने आयुक्त के कार्यालय परिसर में जबरन घुसकर हंगामा करना, चोट पहुंचाना और लोक सेवकों के साथ मारपीट की।

सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि यह मामला उत्पीडऩ के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण इरादे से दर्ज कराया गया है। इसलिए पूरी कार्यवाही को रद्द कर दिया जाना चाहिए। दूसरी ओर राज्य के वकील ने तर्क दिया कि उसके खिलाफ कथित अपराध सही है और प्रथम दृष्टया अपराध बन रहा है। कोर्ट ने रिकॉर्ड पर पेश किए गए सबूतों और तथ्यों का अवलोकन करने के बाद कहा कि कांग्रेस सांसद के खिलाफ कोई अपराध बनता है या नहीं इसे इस स्तर पर नहीं कहा जा सकता है। इसलिए वह ट्रायल कोर्ट के समक्ष उन्मोचन अर्जी दाखिल कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन