Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नैनीताल, 18 मार्च (हि.स.)। हाई कोर्ट ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपित पुलकित आर्या, अंकित और सौरभ भाष्कर के खिलाफ दर्ज एफआईआर और उन पर लगाई गईं गैंगस्टर की धाराओं को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उनको कोई राहत नही देते हुए याचिका को निरस्त कर दिया है।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अंकित और सौरभ भास्कर की ओर से कहा गया था कि उनका कोई आपराधिक रिकार्ड नही है। वे रिसॉर्ट में मैनेजर और सहायक मैनेजर के पद पर थे। याचिका में कहा कि वे रोजी रोटी के लिए यहां कार्य करते थे। दोनों का नौकर और मालिक का संबंध है। इसलिए उन पर गैंगस्टर नही लगाया जा सकता।
पुलकित आर्या ने कहा कि उनका इस केस के अलावा दो अन्य केस हैं जो बहुत पुराने हैं और जो लंबित है। पहला नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने का है जब वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में थे, तब उन्होंने किसी आश्रम की नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर दी थी। दूसरा उनका मेडिकल कालेज में एडमिशन का है, जो अभी विचाराधीन है। याचिका में कहा कि इन दोनों केसों में गैंगस्टर नही बनता है। इसलिए इसे निरस्त किया जाए। याचिका में कहा कि न ही वे किसी गैंग के सदस्य हैं। पुलिस ने इस केस में पहले उन पर मुकदमा दर्ज किया और बाद में गैंगस्टर भी लगा दिया।
घटना के अनुसार पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की अंकिता भंडारी वनंतरा रिसोर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में नौकरी करती थी। आरोप है कि आरोपितों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित ने चीला बैराज में धक्का देकर अंकिता भंडारी की हत्या कर दी थी। इसकी वजह से अंकिता की डूबकर मौत हो गई थी। मामले की छानबीन के बाद तीनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
हिन्दुस्थान समाचार/लता नेगी/रामानुज