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वाशिंगटन, 18 मार्च (हि.स.)। यूक्रेन पर रूस के हमले के एक साल से अधिक समय बाद भी युद्ध रुक नहीं रहा है। अब दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम को लेकर अमेरिका और चीन के मतभेद सामने आए हैं। अमेरिका ने यूक्रेन में संघर्ष विराम संबंधी चीन की मांग के विरोध की बात कही है।
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी जगत खुलकर यूक्रेन के साथ खड़ा नजर आ रहा है। पश्चिमी जगत के अनेक बड़े नेता यूक्रेन का दौरा भी कर चुके हैं। अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले सप्ताह रूस के दौरे पर जा रहे हैं। जिनपिंग के रूस दौरे को युद्ध के दौर में रूस के साथ चीन के खड़े होने के रूप में माना जा रहा है। माना जा रहा है कि रूस दौरे के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात के दौरान यूक्रेन में संघर्ष विराम की मांग करेंगे। अमेरिका ने ऐसी किसी मांग का विरोध किया है।
अमेरिकी का राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन में संघर्ष विराम की चीन की मांग का विरोध करता है क्योंकि इससे रूस को फायदा होगा और क्रेमलिन को एक नये आक्रमण की तैयारी करने में मदद मिलेगी। चीन के आधिकारिक नाम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संक्षिप्तीकरण पीआरसी का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर संघर्ष विराम की मांग का समर्थन नहीं करते हैं जिसका आह्वान पीआरसी मॉस्को में एक बैठक में करेगा, जिससे रूस को फायदा होगा। अमेरिका पिछले एक साल से रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की मदद कर रहा है। वह चिंतित है कि युद्धविराम को प्राथमिकता देने से रूसी बलों पर दबाव कम हो जाएगा और क्रेमलिन को क्षेत्र के बड़े हिस्से पर अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ संजीव मिश्र/मुकुंद