आईटीआई व पॉलिटेक्निक छात्र-अनुदेशक के हवाले पावर हॉउस
-बिजली कर्मियों की हड़ताल जारी -42 पावर स्टेशन में 35 उपकेंद्र में राजस्व पुलिस कर्मियों संग लगाई ड्य
आईटीआई व पॉलिटेक्निक छात्र-अनुदेशक के हवाले पावर हॉउस


-बिजली कर्मियों की हड़ताल जारी

-42 पावर स्टेशन में 35 उपकेंद्र में राजस्व पुलिस कर्मियों संग लगाई ड्यूटी

कौशांबी, 18 मार्च (हि.स.)। बिजली कर्मचारियों की जारी हड़ताल में बीच पावर कट की समस्या से निपटने के अप्रशिक्षित हाथों में सौप दी गई है। प्रशासन ने पावर हॉउस में राजस्व, पुलिस कर्मियों के साथ आईटीआई व पॉलिटेक्निक शिक्षण संस्थान के 99 कर्मचारी एवं छात्रों की तैनाती की है। जिले के 42 पावर स्टेशन में 35 उपकेंद्रों इलेक्ट्रिक विंग से पढ़ाई कर रहे छात्र या शिक्षण कार्य में लगे अनुदेशकों के हाथ में दी गई है। प्रशासनिक अफसर इन्हीं के सहारे उपकेंद्रों का संचालन कराकर बदहाल हुई बिजली आपूर्ति को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं।

एक समान वेतन, पेंशन बहाली, नियमितीकरण की मांग पर 14 मार्च से बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं संविदा कर्मी हड़ताल पर हैं। आंदोलन के शुरुआत में मशाल जुलूस निकाल बिजली कर्मियों ने सरकार को चेतावनी दी। लेकिन सरकार की अनदेखी से आंदोलन बड़ा खिंच गया। हालत यह हुए कि कर्मचारियों ने गुरुवार से पावर स्टेशन से वाक आउट कर गए। वाक आउट होने के बाद से जिले की बिजली व्यवस्था चरमरा गई। 42 में 22 बिजली उपकेंद्र में फाल्ट के चलते गांव कस्बे में बत्ती गुल हो गई। करीब डेढ़ लाख की आबादी को रात अंधेरे के कटाने की नौबत आ गई। हालत बेकाबू होता देख।

प्रशासन ने शुक्रवार से पावर स्टेशन की व्यवस्था अपने कब्जे में ली। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस एवं व्यवस्था के लिहाज से राजस्व कर्मियों की तैनाती की गई। इसके बाद भी बिजली की सप्लाई चालू करने के लिए बिजली कर्मचारी प्रशासन को खोजे नहीं मिले।

प्रशासनिक अफसरों ने अधीक्षण अभियंता के सुझाव पर अमल करते हुए आईटीआई सिराथू मंझनपुर एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज मंझनपुर में शिक्षण एवं अध्यापन कार्य में लगे छात्र एवं अनुदेशकों को पावर हाउस की कमान सौंपी। प्रशासनिक व्यवस्था की एक जारी सूची के अनुसार आईटीआई और पॉलिटेक्निक के 99 कर्मचारियों व अंतिम वर्ष में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को पावर हाउस में ड्यूटी कर तैनात किया गया। जिले के 33 केवीए के 38 में 35 उपकेंद्रों पर इनकी तैनाती की गई, ताकि कम से कम उन लाइनों की आपूर्ति होती रहे।

डीएम सुजीत कुमार ने बताया कि बिजली की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। पावर हाउस में राजस्व कर्मियों के अलावा जिन लोगों की ड्यूटी लगाई गई है। वह इलेक्ट्रिक ट्रेड से जुड़े लोग है। सावधानी का विशेष ध्यान दिए जाने का निर्देश दिया गया है।

कहां किसकी तैनाती

डीएम सुजीत कुमार ने आईटीआई सिराथू, आईटीआई मंझनपुर और महात्मा ज्योतिबा फुले राजकीय पॉलिटेक्निक कौशाम्बी के अनुदेशक, कार्यदेशक और प्रशिक्षणार्थियों की ड्यूटी उपकेंद्रों पर लगाई है। पॉवर कॉरपोरेशन के बिजली उपकेंद्र पुरखास, गोप सहसा, म्योहर, अर्का फतेहपुर, अमनी लोकीपुर, चायल और कमालपुर में दो-दो प्रशिक्षणार्थी लगाए गए हैं, जबकि अन्य उपकेंद्रों पर तीन-तीन प्रशिक्षणार्थियों की ड्यूटी लगाई गई है।

अप्रशिक्षित हाथ में पावर स्टेशन

उपकेंद्रों पर प्रशिक्षणार्थियों की तैनाती तो कर दी गई, लेकिन इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिला। कारण, बिजली की आपूर्ति के काम के अनुभव का अभाव था। हादसे के डर से भी लोग हाथ लगाने से कतराते रहे। कई जगह ऐसा ही अफसरों को देखने को मिला। हालांकि इनकी तैनाती के बाद कुछ फीडर चले भी, लेकिन बिजली की ज्यादातर लाइनें फाल्ट के चलते ठप ही रहीं, जिन्हें दुरुस्त करने वाला प्रशासन को खोजे नहीं मिला।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय