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फिरोजाबाद, 18 मार्च (हि.स.)। अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी कोर्ट इफराक़ अहमद ने शनिवार को दलित नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामला थाना शिकोहाबाद से जुड़ा है। अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना क्षेत्र अन्तर्गत 17 जनवरी 2007 की रात करीब 9 बजे एक 13 वर्षीय दलित नाबालिग किशोरी अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर अपने पिता के आने का इंतजार कर रही थी। उसी समय अमित उर्फ पोपल पुत्र गिरवर व जाहिद पुत्र नसीर व उसके अन्य साथी आए और नाबालिग को तमंचे की नोक पर जबरिया उठाकर ले गए। आरोपितों ने एक खंडहरनुमा प्लाट में ले जाकर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। मां व अन्य लोगों द्वारा तलाश करने पर रात्रि करीब 11 बजे पीड़िता खंडरनुमा प्लाट में अर्धमुर्क्षित अवस्था में पड़ी मिली। होश में आने पर पीड़िता ने अपनी मां को दोनों आरोपितों का नाम लेते हुए घटना के बारे में बताया। पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच की। पुलिस ने जाचोपरांत अमित उर्फ पोपल व जाहिद के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।
मुकदमा वास्ते सुनवाई एवं निस्तारण हेतु अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी इफराक अहमद के न्यायालय में पहुंचा। जहां सुनवाई के दौरान कई साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए, कई गवाहों ने गवाही दी। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक नरेन्द्र सोलंकी ने बताया कि कोर्ट ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य व गवाहों की गवाही के आधार पर आरोपित अमित उर्फ पोपल व जाहिद को दोषी पाते हुए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोनों पर 55-55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषियों को 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कोर्ट ने अर्थदंड की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को देने के भी आदेश दिए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/कौशल