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जयपुर, 18 मार्च (हि.स.)। राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल-2023 में संशोधन के लिए शनिवार को वकीलों की संघर्ष समिति के पांचों मुख्य संयोजकों कमल किशोर शर्मा, रणजीत जोशी, महेन्द्र शांडिल्य, रवि भंसाली व विवेक शर्मा ने प्रमुख विधि सचिव ज्ञान प्रकाश गुप्ता से मिलकर वार्ता की। इस दौरान बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन घनश्याम सिंह राठौड और अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. विभूति भूषण शर्मा भी शामिल हुए। वकीलों के प्रतिनिधि दल ने प्रमुख विधि सचिव से कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में वकीलों के पक्ष में संशोधन कराया जाए। जिस पर विधि सचिव ने वकीलों को संशोधन करवाए जाने का आश्वासन दिया।
दरअसल वकील राज्य सरकार की ओर से 15 मार्च को विधानसभा में पेश किए एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में प्रावधान किया गया है कि वकील के खिलाफ अदालत परिसर में अपराध होने पर ही उसे इस कानून का लाभ मिलेगा। वहीं धारा 9 के तहत उनके खिलाफ क्लाइंट की ओर से मुकदमा दायर करने के प्रावधान में भी वकील संशोधन चाहते हैं। वहीं अधिवक्ता के खिलाफ अपराध होने पर दोषी को मिलने वाली सजा और जुर्माने को भी वकील बढवाना चाहते हैं। गौरतलब है कि गत 18 फरवरी को जोधपुर में एक वकील की दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद प्रदेशभर के वकील 20 फरवरी से न्यायिक बहिष्कार पर हैं। वकीलों की मांग है कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को विधानसभा से पारित कर कानून का रूप दिया जाए। गत दिनों विधि मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में वकीलों की सरकार से वार्ता हुई थी। जिसमें तय किया गया था कि 15 मार्च को बिल सदन में रखकर उसे 21 मार्च को पारित करवाया जाएगा। इसके बाद वकीलों ने बिल के कुछ प्रावधानों में संशोधन की मांग की है।
हिन्दुस्थान समाचार/पारीक/संदीप