अवध की संस्कृति देखनी हो तो आइए महोत्सव
-गोमती नगर स्थित उप्र संगीत नाटक अकादमी परिसर में शुरू हुआ अवध महोत्सव लखनऊ, 18 मार्च ( हिं.स़. )।
अवध की संस्कृति देखनी हो तो आइए महोत्सव


अवध की संस्कृति देखनी हो तो आइए महोत्सव


अवध की संस्कृति देखनी हो तो आइए महोत्सव


-गोमती नगर स्थित उप्र संगीत नाटक अकादमी परिसर में शुरू हुआ अवध महोत्सव

लखनऊ, 18 मार्च ( हिं.स़. )। गाइये गणपित जग वंदन, शंकर सुवन केसरी नंदन.... प्रसिद्ध गजल गायक पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन व मोहम्मद हुसैन ने जब अपने गजल कार्यक्रम की शुरूआत श्रीराम चरित मानस में गोस्वामी तुलसी दास की रचित इस श्रीगणेश वंदना से की तो श्रोताओं ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। वह लखनपुरी में शुरू हुए अवध महोत्सव में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करने आए थे। इसके बाद उन्होंने अवध के नवाब वाजिद अलीशाह ’अख्तर’ की रचित गजल इलाही कोई हवा का झोका दिखा दे चेहरा उडा के आंचल .. गाई तो इसका भी लोगो ने लुत्फ उठाया। उसके बाद निदा फाजली गजल जाने क्या कहा है आपकी आंखों ने हमसे... सुनाया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवधी सस्कृति के दर्शन कराता हुआ शनिवार से अवध महोत्सव धूमधाम से शुरू हुआ। 22 मार्च तक चलने वाले इस महोत्सव में अवधी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से रूबरू होने के मौका मिलेगा। नई पीढी और युवाओं को लिए तो यह एक सुनहरा अवसर है कि वे अपने क्षेत्र की मूल संस्कृति को देख और समझ पाएगे। पौराणिक काल से जैसे भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा, वृदांवन का क्षेत्र व्रज क्षेत्र कहलाता था, इसी प्रकार से प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के आसपास का क्षेत्र अवध क्षेत्र कहलाता था। यहां की अपनी बोली-बानी, पहनावा है, खान-पान और संगीत सभी जगहो से निराला है।

इसी संस्कृति को दर्शाते हुए अवध महोत्सव का आयोजन उ.प्र. पर्यटन विभाग एवं संगीत नाटक अकादमी की ओर से किया गया है। महोत्सव का न्यौता सबको भेजा गया है, आइये, हो सके तो अवधी परिधान में आइए, आपको आपको मंच पर सम्मानित होने का मौका भी मिल सकता है। इस अवसर पर शतरंज, कठपुतली शो व पंतगबाजी की प्रतियोगिताएं हुई। इससे पहले मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहाकार अवनीश अवस्थी ने दीप प्रज्जवलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव, संस्कृति , आनंद कुमार, व अकादमी के निदेशक तरूण राज भी उपस्थित थे।

इससे सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत कानपुर की गायिका डाॅ. मेनका मिश्रा के सुगम गायन हुई। उन्होंने भगवान श्रीराम को नमन् करते हुए गाया कि ’ऐसे हैं मेरे राम....। इसके बाद गजल घटा उदी उदी.. गाया। नोएडा की कलाकार माया कुलश्रेष्ठ और उनके साथियों ने नृत्य नाटिका ’कृष्णा एक रक्षक ’ से की। इसके बोल थे ऐरी सखी, कौन है बतलाऊं यह प्रीति है क्या इसमें रीति है क्या ...इसमे उन्होंने राधा मीरा और द्रोपदी के तीनों के प्रेम को दिखाया। माया ने इसको रचा है और इसकी कोरियोग्राफी भी की है। इसके बाद लखनऊ के भजन गायक किशोर चतुर्वेदी ने भजन अच्युतम् केशवम्, कृष्ण दामोदरम् से की। इसके बाद उन्होंने अवधी भजन ऐरी सखी मंगल गावरी .. गाकर सबको भाव विभोर कर दिया।

पंतग बाजों ने पेज भी लड़ाए

इससे पहले सुबह से नादरगंज में पंतगबाजी प्रतियोगिता शुरू हुई। पतंगबाजी प्रतियोगिता का उद्घाटन अकादमी के निदेशक तरूण राज ने किया। यह प्रतियोगिता पूरे महोत्सव की अवधि तक चलेगी। इसका संयोजन राजेश कुमार जायसवाल कर रहे है। श्री जायसवाल ने बताया कि प्रतियोगिता में 64 टीमें भाग ले रही हैं। प्रतियोगिता की विजेता टीम चार टीमों को कृमशः 21000, 11000, 7100 व 5100 रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा। साथ में शील्ड दी जाएगी।

इसके अलावा सभी खिलाड़ियों को अवध महोत्सव का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। उन्होंने बताया प्रतियोगिता में प्रवेश निःशुल्क है। सभी खिलाड़ियों को जूते और टीशर्ट दी गई है। इसके अलावा लंच, फल और पानी की व्यवस्था की गई। उन्होंने बताया कि अंतिम दिन प्रमुख सचिव, संस्कृति, मुकेश मेश्राम खिलाड़ियों को पुरस्कृत करेंगे।

शतरंज की बिसात पर चली गई चाले

वहीं गोमती नगर स्थित अकादमी परिसर में शतरंज प्रतियोगिता शुरू हुई। इसमें खेल के शौकीन लोगों ने शतरंज की बिसात पर चाले चली गई । अवध महोत्सव में खेली जा रही चेस फॉर एवरीवन फिडे रेटिंग चेस टूर्नामेंट का शुभारम्भ यू पी संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज द्वारा बोर्ड पर पहली चाल के साथ हुआ उन्होंने खिलाडियों को संबोधित करते हुए जीवन में शतरंज के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस प्रतियोगिता में गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरयाणा और उत्तर प्रदेश के कुल 113 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। गाजियाबाद के वत्सल मकोल अंतर्राष्ट्रीय रेटिग 1452 को कानपूर के अरिहान बरोलिया बेहतरीन खेल दिखाते हुए मात्र 17 चालों में बाजी ड्रा करके अंक बाटने पर मजबूर कर दिया, वहीं गोरखपुर के लक्ष्मीनारायण द्विवेदी ने लखनऊ के दिव्यांश पाण्डेय अंतर्राष्ट्रीय रेटिग 1218 से बाजी ड्रा करके आधा अंक झटक लिया वहीं लखनऊ की पर्णिका गुप्ता ने अबनीश पाल अंतर्राष्ट्रीय रेटिग 1123 को पराजित कर पहला उलट फेर कर पूरा अंक हासिल किया जबकि लखनऊ के विजयंत मेहरोत्रा अंतर्राष्ट्रीय रेटिग 1012 को लखनऊ के ही 10 वर्षीय पार्थ गुप्ता ने मात्र 28 चालों में पराजित कर प्रतियोगिता में दूसरा उलट फेर किया जबकि अन्य सभी वरीय खिलाडियों ने अपनी अपनी बाजी जीत कर 1-1 अंक के साथ संयुक्त बढ़त पर चल रहे है।

महोत्सव में अवध की गुलाबो-सिताबों को देखा

शाम को कठपुतली शो हुआ। इसमें मेराज आलम के निदेर्शन में गुलाबो -सिताबों व शहीद उधम सिंह की जिंदगी पर आधारित शो हुआ। इसमें मो. नौशाद, चंद्रशेखर आलम, राज अम्बेडकर, अजरा मेराज, तनय मेराज, अभिषेक श्रीवास्तव व तन्मय लाहिरी ने कठपुतलियों चलाया।

महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को शहर के इतिहासकार रवि भट्ट के संयोजन में सुबह 6 बजे से रेजीडेन्स में हेरिटेज वाॅक का आयोजन किया जाएगा। शाम को 6 बजे से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शहर की नृत्यागंना नेहा सिंह और कांतिका मिश्रा का कथक नृत्य, लोक गायिका शिक्षा भदौरियां का अवधी लोक गायन, मालवा, म.प्र. के कालूराम बमानिया का निर्गुण गायन, व मुंबई की गायिका ऐश्वर्या पण्डित का सुगम गायन, प्रस्तुत होगा ।

हिन्दुस्थान समाचार / शैलेंद्र मिश्रा