Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
गुवाहाटी, 18 मार्च (हि.स.)। असम सरकार के लोक स्वास्थ्य तकनीकी विभाग के मंत्री जयंत मल्ल बरुवा ने स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के तहत 'गोवर्धन' योजना के संबंध में आज (शनिवार) गुवाहाटी के खानापारा स्थित असम प्रशासनिक अधिकारी महाविद्यालय के सभागार में गौशाला और दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में मंत्री ने कहा कि गोवर्धन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बॉयो-एग्रो रिसोर्स धन) योजना ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर और ठोस कृषि अपशिष्ट उत्पादों (भूसा, कपास, विभिन्न फसल अवशेष आदि) के प्रसंस्करण के माध्यम से स्वच्छता के अलावा ऊर्जा और धन एकत्र करने के लिए है।
उदाहरण के लिए, मंत्री ने बताया कि सामुदायिक पशुपालक गाय के गोबर के प्रसंस्करण के माध्यम से तरल खंड से बॉयोगैस के साथ-साथ कीटनाशकों का उत्पादन करने में सक्षम होंगे।
आज की विशेष चर्चा में प्रदेश के 21 जिलों की कुल 24 गौशालाओं और दुग्ध उत्पादक संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विशेष रूप से, गोवर्धन योजना स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण-चरण 2 के तहत लागू की जा रही है, जो मुख्य रूप से किसानों की आय बढ़ाने और जैव-अपशिष्ट को संपीड़ित बॉयोगैस में परिवर्तित करने पर केंद्रित है।
इसके अलावा, इसका उद्देश्य गांव में स्वच्छता सुनिश्चित करना और मवेशियों के गोबर और ठोस कृषि अपशिष्ट को बॉयोगैस, खाद और जैव-गोबर में परिवर्तित करके संसाधनों और ऊर्जा का उत्पादन करना है जिससे समुदायों के आजीविका मानकों में सुधार हो सके।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव सैयदीन अब्बासी, स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के मिशन निदेशक विक्रम कोइरी, जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक कैलाश कार्तिक, लोक स्वास्थ्य तकनीकी विभाग के विशेष सचिव दिगंत बरुवा, लोक स्वास्थ्य तकनीकी (स्वच्छता) विभाग के मुख्य अभियंता बिल्या मंगल रॉय आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। गोपालक भी केंद्र सरकार की योजना के बारे में विवरण जानकर खुश नजर आए।
हिन्दुस्थान समाचार / अरविंद