माता-पिता अपने बेटे और बेटियों को उत्तम चरित्र की शिक्षा अवश्य दें : प्रतिभा शुक्ला
-प्रतापगढ़ में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री ने महिलाओं के साथ किया संवाद प्रता
प्रतापगढ़


-प्रतापगढ़ में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री ने महिलाओं के साथ किया संवाद

प्रतापगढ़, 16 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने गुरुवार को साकेत महाविद्यालय कालेज में आंगनबाड़ी, स्वयं सहायता समूह व महिला ग्राम प्रधान के साथ संवाद एवं पोषण किट/लैपटॉप/पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुई।

साकेत महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता कार्यक्रम का अवलोकन कर उत्कृष्ट रंगोली प्रदर्शन करने वाली छात्राओं एवं महिलाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। साकेत महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति की गयी। मंत्री जी ने कार्यक्रम के दौरान महिला प्रधान, स्वयं सहायता समूह की महिला, महिला आरक्षी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आंगनबाड़ी सहायिका, आशा बहु एवं खेल प्रतियोगिता के बच्चों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं का सुना एवं अपने विचार भी व्यक्त किया।

महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री एवं विधायक सदर राजेन्द्र कुमार मौर्य द्वारा उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत 17 बच्चों को लैपटाप का वितरण, हॉकी प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 13 छात्राओं, वॉलीबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 10 छात्राओं एवं कबड्डी प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 08 छात्राओं एवं जूडो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 02 छात्राओं को डेमो चेक एवं मेडल का वितरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री द्वारा 05 गर्भवती महिलाओं के गोद भराई, 05 बच्चों को अन्न प्राशन, बच्चों को स्वर्ण प्राशन, 10 अतिकुपोषित बच्चों को पोषण किट का वितरण एवं 01 अतिकुपोषित बच्चा कृष्णा के अभिभावक को गोदान किया गया।

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि नारियां सशक्त रहे, मिशन शक्ति के अन्तर्गत स्वावलम्बन की भावना से ओत प्रोत रहे, वह सुरक्षित रहे और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे। नारियों अपने आपको कभी कमजोर न समझे, महिलायें अपने काम खुद करें दूसरों पर निर्भर न रहे, एक आत्म विश्वास जागृत करके ही हम समाज में कुछ नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते है। महिला ग्राम प्रधान अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करें, महिलाओं की समस्याओं का सुनों एवं उन्हें शासन की योजनाओं से लाभान्वित करायें। महिला ग्राम प्रधान को स्मार्ट प्रधान बनना है। महिलायें बच्चों को स्वच्छ और ताजा खाना खिलाये जिससे बच्चे स्वस्थ्य रहे। उन्होने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र रोज खोले जायें तथा प्री-नर्सरी के रूप में चलाये जाये।

आंगनबाड़ी केन्द्र में आने वाले हर बच्चे को संस्कार देने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की है। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दें और बेटे और बेटी को उत्तम चरित्र की शिक्षा अवश्य दें।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपेन्द्र