जयपुर सहित प्रदेश के छह जिलों में मिला अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमण
जयपुर, 4 फ़रवरी (हि.स.)। पहले गोवंश में लम्पी, फिर घोडों में ग्लैंडर्स रोग और अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर
अफ्रीकन स्वाइन फीवर।


जयपुर, 4 फ़रवरी (हि.स.)। पहले गोवंश में लम्पी, फिर घोडों में ग्लैंडर्स रोग और अब अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने प्रदेश में दस्तक दे दी है। शूकरों में फैलने वाला यह संक्रमित रोग राजधानी जयपुर में भी प्रवेश कर चुका है। रेनवाल में इस बीमारी से अब तक 300 से अधिक शूकरों की मौत हो चुकी है। वहीं अलवर में इसके अब तक 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए पशुपालन विभाग ने रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया है, जो रोग प्रभावित जिलों में जाकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर शूकर वंशीय पशुओं के सैम्पल एकत्र कर रही है। साथ ही पशुपालकों को रोग की रोकथाम के उपाय बता रही है। प्रभावित जिलों में डोर टू डोर सर्वे का काम भी शुरू किया गया है।

जानकारी के मुताबिक अब तक अफ्रीकन स्वाइन फीवर के संक्रमण से सवाई माधोपुर क्षेत्र, चौथ का बरवाडा व बौंली क्षेत्र में कुल 1328 शूकरों की मौत हो चुकी है। अलवर में 100 से अधिक मामले सामने आए। जबकि, जयपुर में 300 से अधिक शूकरों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, भरतपुर, कोटा और करौली में भी मामले सामने आए हैं। अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमण अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है, जो घरेलू तथा जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं। इसके साथ ही अवसाद, एनोरेक्सिया, भूख न लगना, त्वचा में रक्तस्राव, उल्टी और दस्त भी होते हैं। इसमें शूकर की मृत्यु दर शत प्रतिशत तक हो सकती है। एक संक्रमित शूकर से दूसरे शूकर में तेजी से फैलती है। मृत्यु 3 से 10 दिन में हो जाती है।

राज्य रोग निदान केंद्र जयपुर के संयुक्त निदेशक रवि इसरानी का कहना है कि पशुपालक को एक किलोमीटर परिधि में नियंत्रण क्षेत्र बनाकर पशुओं को संरक्षित करना चाहिए, जिससे अन्य शूकर वंशीय पशुओं का संक्रमण से बचाव हो सके। फिलहाल इस रोग का उपचार व वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। केवल लक्षण के अनुसार ही दवा दी जा सकती है। विभाग की टीम प्रभावित जिलों में काम कर रही है। सैम्पल लिए जा रहे हैं साथ ही हम पशुपालकों को भी सलाह दे रहे हैं कि सलाह दे रहे हैं कि वह इस बीमारी से बचाव कैसे कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर