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प्रयागराज, 03 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी की जीवन भर की कमाई कुछ क्षण में उड़ाने वाले साइबर अपराधी को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराध आज समाज की बड़ी समस्या बना हुआ है। जिससे मनुष्य के जीवन मे कमाया हुआ धन एक क्षण में गायब हो जाता है।
न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने जिला जामताड़ा झारखंड निवासी आरोपी सोनू मंडल की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। मंजू वर्मा के पति पुलिस थे। जिन्हे सेवानिवृत्ति के पश्चात 55 लाख रूपए प्राप्त हुए थे। 18 मई 2021 को एक फोन आया कि वह ट्रेजरी कार्यालय बलिया से बोल रहा है और यदि वह एसबीआई के योनो ऐप को इंस्टॉल कर लेगा तो उसकी पेंशन चालू हो जायेगी। ऐसी दशा में उसके लड़के ने एसबीआई का योनो एप्स इंस्टॉल किया और अगले दिन उसके खाते से केवल 99 हजार छोड़कर सारे पैसे निकाल लिए गए।
मामले की प्राथमिकी साइबर थाना आजमगढ़ में दर्ज कराई गई। इसके पश्चात विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आया कि झारखंड के जामताड़ा स्थित इंडसंड बैंक के खाते में पैसा स्थानांतरित हुआ हैं। साथ ही विवेचना के दौरान प्राप्त ईमेल आईडी से ब्रीजा कुमार, दीना राजभर व संकर दास का मोबाइल नंबर प्राप्त हुआ। जिसकी कॉल डिटेल रिपोर्ट निकाली गई और बयान में झारखंड के सोनू मंडल, रोहन महतो, दिनेश मंडल, रामकिशन मंडल का नाम प्रकाश में आया। बैंक खाता का स्टेटमेंट प्राप्त करने पर स्पष्ट हुआ कि आरोपी सोनू मंडल के खाते में भी पैसा का आदान-प्रदान हुआ है। कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अर्जी खारिज कर दी।
हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन