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नई दिल्ली/बेंगलुरु, 25 फरवरी (हि.स.)। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव (वित्त मंत्री) जेनेट येलेन ने भारत को अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन को मजबूत करने के लिए 'फ्रेंडशोरिंग' (दोस्ताना संबंध) के नजरिए से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने बेंगलुरु में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक से इतर अपने संबोधन में यह बात कही।
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव ने यहां एफएमसीबीजी की बैठक से अलग अमेरिका और भारत के प्रौद्योगिकी व्यापारिक नेताओं की गोलमेज बैठक को संबोधित करते हुए फ्रेंडशोरिंग पर जोर दिया। येलेन ने कहा कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। उन्होंने कहा कि 2021 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 150 अरब डॉलर से पार कर गया। हमारे लोगों के बीच का संबंध हमारे रिश्ते की गहराई की पुष्टि करते हैं।
येलेन ने कहा कि दो लाख भारतीय विद्यार्थी अमेरिका में शिक्षा ग्रहण करते हुए स्कूलों और विश्वविद्यालयों में जाते हैं। दैनिक आधार पर हम एक-दूसरे पर निर्भर हैं। भारतीय लोग संचार के लिए व्हाट्सएप का यूज करते हैं, तो अमेरिकी कंपनियां संचालन के लिए इंफोसिस पर निर्भर हैं। इस गोलमेज बैठक में इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि, आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल, इंटेल इंडिया की कंट्री हेड निवृत्ति राय, फॉक्सकॉन इंडिया के कंट्री हेड जोश फौग्गर और विप्रो के चेयरमैन रिषद प्रेमजी सहित इस क्षेत्र की शीर्ष हस्तियां मौजूद थीं।
उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए मैं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपने संबंधों को सशक्त करने की इच्छुक हूं। अमेरिका अपनी आपूर्ति शृंखलाओं का लचीलापन बढ़ाने के लिए फ्रेंडशोरिंग का रवैया अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हम इसे भारत जैसे अपने भरोसेमंद कारोबारी साझेदारों के साथ एकीकरण कर अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। मसलन गूगल और ऐप्पल जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत में अपने फोन का उत्पादन बढ़ा रही हैं। दरअसल फ्रेंडशोरिंग के तहत कच्चा माल एवं आपूर्ति शृंखला को भी साझा मूल्यों वाले देशों से ही मंगाया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर