केंद्र की अंबेडकर हस्तशिल्प योजना से महिलाओं की बदली जिंदगी
- केंद्रीय वस्त्र एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से 682 महिलाओं को दिया प्रशिक्षण - पुणे के ग्राम नरेह
विजया पवार


- केंद्रीय वस्त्र एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से 682 महिलाओं को दिया प्रशिक्षण

- पुणे के ग्राम नरेह की विजया ने अब तक 450 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा

पुणे, 02 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री के एक ट्वीट से प्रभावित ग्रामांचल की विजया पवार को प्रेरणा मिली और उन्होंने महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ने के अपने अभियान को गति दी। विजया का कहना है कि ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक पोस्ट से मेरी और मेरे साथ काम करने वाली महिलाओं की जिंदगी बदल गई। हम पिछले 20 साल से स्ट्रगल कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने हमारे काम की तारीफ करके हमारा सम्मान बढ़ाया है।

महाराष्ट्र के पुणे जिले के ग्राम नरेह की रहने वाली विजया पवार की बंजारा हस्तकला के क्षेत्र में विशेष पहचान है। वह बताती हैं कि बंजारा हस्तकला हमारे क्षेत्र की पहचान है। मैं छोटी से बड़ी इसी में हुई हूं। वैसे तो यह कला यहां मां से बेटी को मिलने वाली विरासत है। ससुराल में सास से मेरे पति ने इसे सीखा, फिर उनसे मैंने सीखा। जब इस काम में रुचि बढ़ी तो इसी पर फोकस किया फिर ट्रेडिशनल चीजों का डुप्लीकेट बनाया और एक एनजीओ रजिस्टर कराया। गांव की सभी महिलाओं को ट्रेनिंग दी। इसके बाद जिला स्तर पर महिलाओं को जोड़ा।

विजया बताती हैं कि केंद्रीय वस्त्र एवं उद्योग मंत्रालय की अंबेडकर हस्तशिल्प विकास योजना के तहत उनके एनजीओ ने 682 महिलाओं को पांच साल तक ट्रेनिंग दी। उन्होंने काम के साथ ये भी सिखाया कि इस क्षेत्र में रोजगार कैसे कर सकते हैं। इस काम को सीखकर आज 450 महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हैं। आज यह महिलाएं देशभर में लगने वाली प्रदर्शनी, चाहे वो खादी हो या महालक्ष्मी सरस या सूरजकुंड और दिल्ली सब जगह जाती हैं। आज यह खुद का बिजनेस कर रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा था, मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स उन महिलाओं को समर्पित कर दूंगा, जिनकी जिंदगी और काम हम सभी को प्रेरित करता है। इससे यह महिलाएं लाखों लोगों का हौसला बढ़ाने में मदद कर सकेंगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ ओमसिंह राजपुरोहित