धमतरी-तनाछेदक से धान के तैयार हो रहे पौधों के नुकसान की आशंका
धमतरी, 2 फरवरी (हि.स.)।पिछले सप्ताहभर से मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह म
खेत में तैयार हो रही रबी धान फसल।


धमतरी, 2 फरवरी (हि.स.)।पिछले सप्ताहभर से मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में तेज धूप पड़ने के साथ बादल वाला मौसम भी बना, इसका विपरीत असर किसानों के खेतों पर लगी धान फसल में पड़ रही है। खरीफ सीजन के तनाछेदक के अंडे जमीन व पौधों के ठूंठ पर रहता है, जो फूटकर अब पौधों में तनाछेदक का प्रकोप बढ़ा दिया है। किसान कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही है, इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसानों को अब तेज धूप व गर्मी शुरू होने का इंतजार है।

खरीफ सीजन के धान फसल की कटाई-मिंजाई होने के बाद बोर सिंचाई सुविधा वाले जिले के किसान रबी धान फसल लेने दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से ही खेतों में रोपाई शुरू कर दिया। धान फसल लगे करीब माहभर से अधिक हो चुका है। खेतों में धान के पौधा तैयार होने लगा है।

किसान भोजराम साहू, हरीराम, आशीष कुमार, लक्ष्मीनारायण यादव, देवेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि पिछले सप्ताहभर से मौसम में बदलाव चल रहा है। कभी भी बादल वाला तो कभी तेज धूप होने से इसका विपरीत असर किसानों के खेतों पर लगी धान फसल में तनाछेदक हो गया है, जो फसल के लिए नुकसानदायक है। तनाछेदक दूर करने वे कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसान परेशान है।

उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में इस साल रबी सीजन में करीब 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान अपने खेतों में रबी धान फसल लगाए है, जो इन दिनों तैयार हो रही है।आत्मा योजना के कृषि विशेषज्ञ अधिकारी एफएल पटेल ने बताया कि खरीफ सीजन में धान फसल की कटाई के बाद तनाछेदक का अंडा जमीन व ठूंड पर रहता है, जो जोताई के बाद नमी के कारण फूटकर फैल जाता है और रबी धान फसल के पौधों को प्रभावित करता है। रबी धान की रोपाई के 20 से 25 दिनों में यह पौधों में दिखाई देना शुरू हो जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा