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- लगातार कट रहे वन से पनप रहा आक्रोश, पुलिस की भी नहीं सुनी, डीएफओ को शाम में जाने दिया
बुरहानपुर, 12 फरवरी (हि.स.)। अब तक वन विभाग पर अतिक्रमणकारी हावी रहते थे, लेकिन पहली बार ग्रामीण हावी हो गए। दरअसल ग्राम घाघरला में रविवार को ग्रामीणों ने डीएफओ का घेराव कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि घाघरला के जंगल में करीब 500 से अधिक अतिक्रमणकारी घुसे हुए और वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जब तक कार्रवाई नहीं होती डीएफओ को नहीं जाने देंगे। सुबह करीब 12 बजे से शाम 5 बजे तक ग्रामीणों ने डीएफओ को यहां से जाने नहीं दिया। वहीं पुलिस वाहन के सामने भी बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि घाघरला में बड़े पैमाने पर वन कटाई हो रही है। काफी संख्या में अतिक्रमणकारी जंगल में मौजूद हैं। रविवार को डीएफओ ग्रिजेश कुमार बरकड़े टीम के साथ घाघरला पहुंचे। उन्होंने अफसरों को जंगल में भेजकर अतिक्रमणकारियों से बातचीत का प्रयास किया, लेकिन अतिक्रमणकारी नहीं माने। इसके बाद ग्रामीणों ने डीएफओ का घेराव कर दिया।
प्रशासनिक अफसरों को लगाते रहे फोन
मौके से डीएफओ ग्रिजेश कुमार बरकड़े प्रशासनिक अफसरों को फोन लगाते रहे, लेकिन कोई वहां नहीं पहुंचा। दोपहर 2 बजे पुलिस ने प्रयास किया कि ग्रामीणों को खदेड़ दे, लेकिन ग्रामीण भी टस से मस नहीं हुए। सभी ने कहा हमें जंगल बचाना है। वन विभाग अब यह बता दे कि क्या वह जंगल की सुरक्षा नहीं कर सकता। इस दौरान बार बार बहसबाजी होती रही। शाम में डीएफओ ने आश्वासन दिया कि हमारी जिला प्रशासन के अफसरों से बातचीत हुई है। रणनीति बनाई जा रही है जैसे ही टीम गठित होती है हम कार्रवाई करेंगे। इसके बाद ग्रामीण बुझे मन से बात माने।
और इधर......।
देड़तलाई चौकी के सामने आदिवासियों का हंगामा
इधर जिला मुख्यालय से करीब 62 किमी दूर मप्र महाराष्ट्र की बार्डर पर स्थित ग्राम देड़तलाई में देर रात आदिवासियों और पुलिस के बीच बहसबाजी हुई। दरअसल कुछ दिन पहले देड़तलाई माइनिंग विभाग ने ग्राम परेठा से अवैध परिवहन करते हुए रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली को जब्त किया था, जिसे चौकी में लाकर रखा गया था। खनिज विभाग ने उस पर जुर्माना लगाया है। वहीं कुछ दिन पहले पुलिस ने शेखपुरा की एक महिला पर शराब का केस बनाया था, लेकिन इसे लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि महिला से पैसा लिया गया। शनिवार शाम काफी संख्या में आदिवासी देड़तलाई चौकी पहुंचे और हंगामा किया। रोड किनारे बैठकर विरोध किया। रात करीब 10.30 बजे वह वहां से वापस लौटे। आदिवासी नेता नंदकिशोर धांडे ने कहा- पेसा एक्ट के तहत रेत निकाल रहे थे जो ग्राम सभा को अधिकार है, लेकिन माइनिंग विभाग ने ट्रैक्टर ट्राली पकड़ी। वहीं महिला के यहां पूजा के लिए शराब निकाली जा रही थी, लेकिन उसे पकड़ा गया। पहले 2 हजार और बाद में एक हजार रूपए लिए। दो हजार रूपए और मांगे जा रहे थे। जो पैसा लिया गया उसकी पावती नहीं दी गई। महिला शेखपुरा की रहने वाली है। इधर चौकी प्रभारी एसआई दिलीप सिंह ने कहा-आरोप निराधार है। 28 जनवरी को माइनिंग ने ट्रेक्टर जब्त किया था। सुरक्षा के लिए देड़तलाई चौकी में रखा है। कुछ लोग हमारे पास आए और कहा हमारी गाड़ी छोड़ दें। हमने मना किया तो कहा- हम धरना देंगे आप यहां वरिष्ठ अधिकारी को बुलाएं। हमने कहा ऐसा नहीं हो सकता तो उन्होंने मामला दूसरी ओर मोड़ दिया और महिला से पैसा लेने का आरोप लगाया। यह मामला हमारे से संबंधित नहीं है माइनिंग से संबंधित है। अपने स्तर पर उन्होंने अफसर, जनप्रतिनिधियों से बातचीत की। जाते समय उन्होंने आरोप लगाए कि पहले जो केस बनाया है उसमें महिला से पैसे लिए हैं। जबकि महिला पर केस बना है उसे कहा कि बुरहानपुर जाना पड़ेगा। केस बना है तो चालान तो पेश करना पड़ेगा, लेकिन उन्होंने आरोप लगा दिए।
हिन्दुस्थान समाचार/निलेश जूनागढ़े