तलत अजीज, कविता सेठ व पारुल मिश्रा को दिया गया नौशाद सम्मान
हुनर क्रिएशन्स क्राफ्ट एसोसिएशन की ओर से छावनी के सूर्या प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ कार्यक्रम लखनऊ
तलत अजीज, कविता सेठ व पारुल मिश्रा को दिया गया नौशाद सम्मान 


तलत अजीज, कविता सेठ व पारुल मिश्रा को दिया गया नौशाद सम्मान 


तलत अजीज, कविता सेठ व पारुल मिश्रा को दिया गया नौशाद सम्मान 


हुनर क्रिएशन्स क्राफ्ट एसोसिएशन की ओर से छावनी के सूर्या प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ कार्यक्रम

लखनऊ, 11 फरवरी (हि.स.)। हुनर क्रिएशन्स क्राफ्ट एसोसिएशन की ओर से छावनी के सूर्या प्रेक्षागृह में शनिवार को ‘अवध फेस्टिवल’ की संगीत भरी शाम आयोजित की गई। मशहूर गजल गायक तलत अजीज, कविता मिश्रा और पारुल मिश्रा को नौशाद संगीत सम्मान से लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी ने अलंकृत किया। इस मौके पर पारुल मिश्रा, मनाली चतुर्वेदी, देबाद्रिता मुखर्जी ने अपने गए गीतों से महफिल सजायी। समारोह का शुभारम्भ ’आवा’ की अध्यक्षनिधि डिमरी ने दीप प्रज्जवलित करके किया।

इससे पहले, अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक जफर नबी ने बताया कि हुनर क्रिएशन्स क्राफ्ट एसोसिएशन के साथ अमजद अली खां, शिवकुमार शर्मा, हेमा मालिनी, रेखा भारद्वाज, सोनू निगम जैसे विश्वविख्यात कलाकारों को सम्मानित कर चुका है।

प्रसिद्ध गजल और नज्मों को अपने अंदाज में संगीत के ढालकर कहने वाले तलत अजीज ने यादों के झरोखे से अपनी बात रखते हुई अवार्ड के लिए शुक्रिया किया और चुनी गई फिल्म ’वेकअप सिड’ के गीत गूंजा सा कोई इकतारा...फेम काली ड्रेस में उतरी कविता सेठ के साथ ’जिंदगी जब भी तेरी बज्म में लाती है हमें.... सुनाई।

कार्यक्रम में इंडियन आइडल, एमटीवी रॉक और कई अन्य रियलिटी शो का भी हिस्सा रही प्रदेश से नाता रखने वाली चमकती साड़ी पहने पार्श्व गायिका पारुल मिश्रा ने मेडले स्टाइल में आज जाने की जिद न करो... अहसान बड़ा होगा मुझपर..., रंजिश ही सही..., अभी न जाओ छोड़कर..., दमादम मस्त कलंदर... छाप तिलक सब छीन्ही... और मोरा पिया घर आया... जैसे कलाम पेश किए।

वेस्टर्न ड्रेस में मंच पर आई दो वर्ष पहले सारेगामापा प्रतिभागी रही कोलकाता की युवा संगीत शिक्षिका देबाद्रिता मुखर्जी ने लता मंगेशकर को स्वरंजलि अर्पित करते हुए शुरुआत उनके गाए- लग जा गले कि.... गीत से की। दूसरा गीत- तुझे याद कर लिया है...., तीसरा- मेरा नाम इश्क तेरा नाम इश्क.... और सेनानियों के योगदान की चर्चा करते हुए- ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन.... गाकर समापन किया। गहरे गुलाबी डिजाइनर कुर्ते और जींस में उतरी मनाली चतुर्वेदी ने अपने नाना रूपकिशोर चतुर्वेदी को याद करते हुए आगाज गीत- तेरे नाम से जी लूं...., मेरे रश्के कमर...., डार्लिंग आखों से आंखें चार करने दो.... झूम झूम झूम बाबा.... सारा जमाना हसीनों का दीवाना.... और हे मेरा दिल प्यार का दीवाना.... जैसे गीत सुनाए। इससे पहले निधि तिवारी के ग्रुप की स्तुति और कांतिका मिश्र के सूफी रंग में आज रंग है री.... पर कथक से कार्यक्रम शुरू हुआ। नेहा सिंह व साथियों ने कविता सेठ के तेरे इश्क में.... जैसे गीतों पर नृत्य किया।

गजल अपनी जगह महफूज है

गोमतीनगर के एक होटल में चाय पर चर्चा करते हुए बातचीत में 33 साल पहले की बातों का जिक्र करते हुए तलत अजीज ने कहा कि नौशाद साहब के साथ बहुत सी यादें मेरे जेहन में आज भी ताजा हैं। उन्होंने कहा कि गजल अपनी जगह महफूज है। सोशल मीडिया के लाइक्स ही सबके लिए जरूरी नहीं। 42 साल हो गए मुझे गजल के मंच पर। गजल की बहुत सी खासियत हैं। फॉर्मेट ही अलग है। दो मिसरे में सारी दुनिया समा जाती है। गजल की भाषा हिंदवी है, दक्खिनी है।

कविता सेठ ने संगीतकार नौशाद के बारे में कहा कि महान लोग सदा सादगी से रहते हैं। एक मशहूर कहावत है थोथा चना बाजे घना। गीत कविता शायरी कुछ भी हो रूहानियत बरकरार रहनी चाहिए। में उस शहर से हूं, जहां झुमका गिरा था।

इससे पहले, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अतिथि कलाकारों को स्मृतिचिन्ह प्रदान करते हुए कहा कि लखनऊ में आज वे कलाकार मौजूद हैं जिनकी पंहुच देश की सीमाओं से आगे अंतर्राष्ट्रीय फलक तक है। उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी पर तेजी से काम हो रहा है। वो दिन अब दूर नहीं जब कलाकार बोलेंगे हम यूपी फिल्म इंडस्ट्री से हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/शैलेंद्र