अमित शाह बोले, क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर एक्शन प्लेटफार्म के रूप में कारगर साबित हुई
-किसानों की मजबूती, बैंकिंग सेवा बढ़ाने और खेती की मजबूती पर दिया गया बल नई टिहरी, 07 अक्टूबर (हि.
फोटो कैप्शन-8 एनटीएच 23-बैठक में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह, सीएम धामी व सीएम योगी 


-किसानों की मजबूती, बैंकिंग सेवा बढ़ाने और खेती की मजबूती पर दिया गया बल

नई टिहरी, 07 अक्टूबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर एक्शन प्लेटफार्म के रूप में कारगर साबित हुई है। उन्होंने यह बातें उत्तराखंड के नई टिहरी के नरेन्द्र नगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद परिषद की 24वीं बैठक में कहीं।

इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने पर बल दिया है और क्षेत्रीय परिषदों ने समस्याओं का समाधान निकालने, फाइनेंशियल इन्क्लूशन बढ़ाने और नीतिगत बदलावों में केटालिस्ट की भूमिका निभाई है। मध्य क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्य देश में कृषि, पशुपालन, अनाज उत्पादन, खनन, जल आपूर्ति और पर्यटन के प्रमुख केन्द्र हैं। इन राज्यों के बिना जलापूर्ति की कल्पना ही नहीं की जा सकती। मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टीम इंडिया के कांसेप्ट को जमीन पर उतारा है।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि बच्चों में कुपोषण की समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। आज की बैठक में निर्णय लिया गया कि लाख उत्पादन को रिवाइज्ड वेदर बेस्ट क्राप बीमा योजना में शामिल करने के लिए आईसीएआर इसका अध्य्यन करेगा। इससे लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को फायदा होगा। उन्होंने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर और कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता से बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा।

इस बैठक में कोदो और कुटकी उपज के मूल्य को रागी के एमएसपी के बराबर तय करने का भी निर्णय लिया गया। इस फैसले से देशभर, विशेषकर मध्य क्षेत्रीय परिषद के सदस्य राज्यों के करोड़ों किसानों को फायदा होगा। पांच किमी के दायरे में हर गांव तक बैंकिंग सुविधा, देश में 2 लाख नई पीएसीएस के गठन, रॉयल्टी और खनन संबंधित मुद्दों और वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित जिलों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसमें बताया गया कि 2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों की 11 और स्थायी समितियों की 14 बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2023 तक क्षेत्रीय परिषदों की 25 और स्थायी समितियों की 29 बैठकें हुईं हैं। 2004 से 2014 के बीच कुल 570 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से 448 को सुलझा लिया गया है, जबकि 2014 से 2023 के बीच कुल 1315 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 1157 मुद्दों को सुलझा लिया गया।

गृह मंत्री के आह्वान पर मध्य क्षेत्रीय परिषद ने एशियाई खेलों में भारत का पहली बार 100 से अधिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने के लिए सभी खिलाड़ियों का अभिनंदन करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। मध्य क्षेत्रीय परिषद ने चंद्रयान-3 की शानदार सफलता, जी20 सम्मेलन के सफल आयोजन और संसद के ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का भी स्वागत किया।

बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ शामिल हुए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया। बैठक में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और केन्द्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल//रामानुज