तेरापंथ जैन समाज ने मर्यादा महोत्सव मनाया
अहमदाबाद, 28 जनवरी (हि.स.)। आचार्य भिक्षु द्वारा प्रणित एवं जयाचार्य द्वारा प्राण प्रतिष्ठित 159वां
तेरापंथ


अहमदाबाद, 28 जनवरी (हि.स.)। आचार्य भिक्षु द्वारा प्रणित एवं जयाचार्य द्वारा प्राण प्रतिष्ठित 159वां मर्यादा महोत्सव का कार्यक्रम अमृतवर्षी आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य एवं सुशिष्याएं मुनि कुलदीपकुमार, साध्वी सरस्वती, साध्वी रमावती ,साध्वी सोमयशा, साध्वी मंजुयशा के सानिध्य में तेरापंथ भवन, शाहीबाग में मनाया गया।

मंगलाचरण साध्वीवृन्द की ओर से आचार्य तुलसी द्वारा लिखित मर्यादा गीत से किया गया। मुनि कुलदीपकुमार ने आचार्य भिक्षु के जीवन के वैराग्य, आगम, अध्ययन, क्रांति व मर्यादा के निर्माण आदि बिन्दुओं पर प्रेरणादायक उपदेश देते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु के अवधारणा को चेतना के पट पर मर्यादानिष्ठ, आत्मनिष्ठ, संघनिष्ठ ओर गुरुनिष्ठा रहकर साधना में अभिवृद्धि करते रहें।

साध्वी सरस्वती की सहवृत्ति साध्वी संवेगप्रभा ने संविधान पर अपनी प्रस्तुति देते हुए कहा कि मर्यादा साढ़े तीन का अक्षर न होकर एक संपूर्ण साहित्य है, तेरापंथ का मेरुदंड है। इसके साथ साध्वी सरस्वती रचित गीतिका का संगान किया।

साध्वी रमावती ने तेरापंथ की तेजस्विता अनुशासन पर दृष्टांत के माध्यम से प्रेरणा देते हुए कहा कि आचार्य तुलसी के उदघोष निज पर शासन फिर अनुशासन स्वयं अनुशासित रहें। व्यक्ति समर्पण, मर्यादा अनुशासन में रहेगा तो सुधार अवश्य हो सकेगा। मर्यादा महोत्सव तेरापंथ को एक महाकुंभ बताते हुए साध्वी सोमयशा ने कहा कि मर्यादा का प्राण तत्व है समर्पण तेरापंथ धर्मसंघ में चारित्र आत्माओं के साथ श्रावक समाज में कैसा है समर्पण वह व्यापक स्तर पर बताया।

साध्वी मंजुयशा ने अपने भावों की प्रस्तुति देते हुए कहा कि आज्ञा, अनुशासन, मर्यादा और सुव्यवस्था के वजह से तेरापंथ शिखर पर विकास कर रहा है। तेरापंथ धर्मसंघ में सेवा का अद्वितीय उदाहरण देखने को मिलता है।सेवा को व्याख्यातित करते सेवा किसकी, कितनी, क्यों, उससे क्या लाभ प्राप्त होता है आदि पर उपस्थित जन समूह को बताया। साध्वियों के सभी सिंघाड़ो के साध्वियों द्वारा सामूहिक सुमधुर गीतिका का संगान किया गया। सभी संस्थाओं की ओर से तेरापंथी सभा के अध्यक्ष कान्तिलाल चोरड़िया ने स्वागत करते हुए मर्यादा महोत्सव की शुभकामनाएं प्रेषित की।

मर्यादा की पूर्व भुमिका, प्रथम व अंतिम मर्यादा पत्र, हाजरी, मर्यादा महोत्सव आदि की जानकारी देने के साथ मुनि मुकुलकुमार ने कार्यक्रम और मंच संचालन निष्पादित किया। सामूहिक संघगान व मंगलपाठ के साथ 159वां मर्यादा महोत्सव का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश दुबे/बिनोद पांडेय