ग्वालियर एयरबेस से उड़े सुखोई-मिराज हवा में टकराकर क्रैश, जांच के आदेश
भारतीय वायुसेना ने शनिवार को सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए सुखोई-30 और मिराज-2000 के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी, लेकिन हवा में टकराने के बाद एक विमान का मलबा मध्य प्रदेश के मुरैना तो दूसरे का मलबा राजस्थान के भरतपुर में गिरा है।
ग्वालियर एयरबेस से उड़े सुखोई-मिराज हवा में टकराकर हुए क्रैश, जांच के आदेश


- सुखोई-30 का मलबा मुरैना में और आग का गोला बनकर मिराज भरतपुर में गिरा

- हादसे में सुखोई के दोनों पायलट घायल, राजस्थान में गिरे विमान का पायलट शहीद

नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। भारतीय वायुसेना ने शनिवार को सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए सुखोई-30 और मिराज-2000 के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी, लेकिन हवा में टकराने के बाद एक विमान का मलबा मध्य प्रदेश के मुरैना तो दूसरे का मलबा राजस्थान के भरतपुर में गिरा है। सुखोई विमान के दोनों पायलट घायल हुए हैं, जबकि राजस्थान में गिरे मिराज विमान का पायलट शहीद हो गया। इस हादसे की अधिक जानकारी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सामने आएगी।

वायुसेना के अधिकृत बयान में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान आज सुबह ग्वालियर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए। दोनों विमानों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर हवाई ठिकाने से उड़ान भरी थी। दोनों विमान नियमित परिचालन उड़ान प्रशिक्षण मिशन पर थे। इसमें शामिल तीन पायलटों में से एक की जान चली गई है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दो विमानों के बीच हवा में संभावित टक्कर तब हुई, जब वे बहुत तेज गति से नकली मिशन पर लड़ाकू विमान उड़ा रहे थे। अधिक जानकारी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सामने आएगी।

दुर्घटना के दौरान सुखोई-30 में 2 पायलट, जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था। आसमान में टकराए दोनों ही लड़ाकू विमान जलकर खाक हो गए। दुर्घटना के बाद सुखोई विमान का मलबा मध्य प्रदेश में मुरैना के पहाड़गढ़ में गिरा है, जिसके दोनों पायलटों ने समय रहते विमान से इजेक्ट कर लिया था। एयरफोर्स ने हेलीकॉप्टर के जरिए घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों पायलटों का रेस्क्यू कर लिया और ग्वालियर एयरबेस ले आए हैं। दुर्घटना से पहले ही विमान से कूदने के कारण दोनों पायलटों की जान तो बच गई, लेकिन गंभीर रूप से चोटिल होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वायु सेना की ओर से अभी दोनों पायलटों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है।

हवा में दुर्घटनाग्रस्त हुए लड़ाकू विमान मिराज-2000 आग का गोला बनता हुआ राजस्थान के भरतपुर जिले के पींगोरा गांव में गिरा है। इस विमान का पायलट समय रहते इजेक्ट नहीं कर पाया, इसलिए वह शहीद हो गया। वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को इस पायलट की खोज में लगाया गया था, लेकिन इस दौरान पायलट के बॉडी पार्ट्स मिले हैं। जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने पुष्टि की है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान ग्वालियर यूनिट का इंडियन एयरफोर्स का एयरक्राफ्ट है। हादसे की वजह दोनों विमानों का हवा में टकराना माना जा रहा है।

वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ब्लैक बॉक्स से ही पूरे हादसे का खुलासा होगा, लेकिन दोनों विमानों का एक साथ हवा में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होना हैरानी भरा है। रक्षा सूत्रों ने संभावना जताई है कि हवा में प्रशिक्षण के दौरान दोनों विमानों के बीच टक्कर हो गई होगी। हालांकि, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में पता चलेगा कि दोनों लड़ाकू विमानों में मध्य-वायु टक्कर हुई थी या नहीं। दुर्घटना की खबर मिलते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से हादसे की जानकारी ली। रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के पायलटों के बारे में जानकारी ली और घटनाक्रम पर बारीकी से निगरानी की।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम