पुणे, 28 जनवरी (हि.स.)। फ्रूट आंदोलन महाराष्ट्र से शुरू होने के बाद अब तक कई छोटे बड़े शहरों में लोकप्रिय हो रहा है। इस मुहिम की वजह से देश में फलों की मांग बढ़ सकती है। खेती से जुड़े कई संगठनों द्वारा स्थानीय स्तर पर उगाए जाने वाले फलों जैसे तरबूज, खरबूजा, अंगूर, नारंगी, अनानास और केले से बने केक के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल रहा है।
यू शुरू हुआ फ्रूट आंदोलन
महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में फलों की पैदावार बढ़ी है। इस वजह से बाजार में फल मांग से ज्यादा मौजूद हैं। नतीजतन फलों के दाम भी कम हो गए हैं। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। मांग से ज्यादा आपूर्ति होने के चलते व्यापारी भी उनकी उपज को कम दाम पर खरीदने लगे।इसलिए मैं समस्याओं से निपटने के लिए किसानों ने फ्रूट आंदोलन के रूप में एक नई पहल की शुरुआत की ओर बर्थ डे, एनिवर्सिरी सहित खास मौकों पर फलों से बने हुए केक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर पॉपुलर हो रहा फ्रूट केक मोमेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ‘फ्रूट केक’ मूवमेंट ने सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। कई किसान संगठनों ने तो इस कॉन्सेप्ट पर फ्रेश फ्रूट केक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया है। किसान संगठन होय आम्ही शेतकारी सोशल मीडिया पर एक फ्रेश फ्रूट केक कंप्टीशन का आयोजन करवा रहा है। इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियों को स्थानीय तौर पर मौजूद फलों से केक बनाना है। एक सदस्य ने बताया कि फ्रेश फ्रूट केक आंदोलन के तेज होने पर एक कंप्टीशन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसमें लोगों से फ्रेश फ्रूट्स केक को फोटो और वीडियो एंट्री के तौर पर मंगाए गए हैं और अब तक सेकड़ो से ज्यादा प्रविष्टियां मिल चुकी हैं।ऐसे आयोजन देश के विभिन्न राज्यो में भी होने लगे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ ओमसिंह राजपुरोहित