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पुणे, 27 जनवरी (हि.स.)। सब्जी एवं मसाला फसल के रूप में अपनी विशेष पहचान कायम कर चुके महाराष्ट्र में अलीबाग के सफेद प्याज को जीआई टैग मिलने के बाद अब यहां का सफेद प्याज इंटरनेशनल मार्केट में अपनी पहचान कायम कर रहा है। वर्तमान में यह प्याज देश से बाहर मलेशिया, यूएई, कनाडा, जापान, लेबनान एवं कुवैत में भेजा जा रहा है।
प्रोटीन एवं विटामिन की मात्रा को संजोकर रखने वाले इस प्याज में औषधीय गुणों का खजाना है। इस प्याज का हृदय रोग कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के अलावा इंसुलिन निर्माण में उपयोग किया जाता है। इससे सूप, अचार, सलाद के रूप में हर कोई लेना पसंद करता है। वैसे देश में इसकी सर्वाधिक उपज महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और बिहार में ली जा रही है। सफेद प्याज की खेती किसानों के लिए वरदान शाबित होगी, वैसे भी अभी यह उपज प्रति एकड़ करीब दो लाख की आमदनी दे रही है।
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार कृषि विश्वविद्यालय ने 15 जनवरी, 2019 को जीआई टैग के लिए आवेदन किया और 29 सितंबर, 2019 को पेटेंट पंजीयक कार्यालय ने जांच के पश्चात अलीबाग के सफेद बाग को जीआई टैग देने का निर्णय लिया। यह एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी भी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है। जीआई टैग मिलने से उत्पादित प्रोडक्ट के साथ क्वालिटी का पैमाना में जुड़ जाता है, जिससे किसानों को फसल के अच्छे दाम मिलते हैं
हिन्दुस्थान समाचार/ओमसिंह राजपुरोहित