नई दिल्ली, 27 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को नई दिल्ली के पश्चिम किदवई नगर में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के एक सामग्री रिकवरी सुविधा केंद्र (एमआरएफ) का उद्घाटन किया। यह घरेलू कचरे से रीसायकल योग्य वस्तुओं को अलग करने के लिए स्थापित किया गया है। एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
एनडीएमसी ने मेसर्स मेट्रो वेस्ट हैंडलिंग प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से आगे की प्रक्रिया के लिए ऊर्जा संयंत्र - ओखला को कचरे में गैर-पुनर्नवीनीकरण योग्य सूखे कचरे को भेजने से पहले डोर टू डोर संग्रह के दौरान एकत्रित सूखे कचरे के सूक्ष्म - पृथक्करण के लिए ट्रांसफर स्टेशन ओल्ड अर्जुन दास कैंप में इस एमआरएफ केंद्र की स्थापना की है।
इससे सूखे कचरे के सूक्ष्म पृथक्करण से रीसायकल योग्य वस्तुओं को हटाने में मदद मिलेगी, कूड़ा बीनने वालों की आजीविका में सुधार होगा, अधिकृत रीसायकलर के माध्यम से रीसायकल योग्य वस्तुओं का उचित प्रसंस्करण होता है और अंत में कूड़े से ऊर्जा संयंत्र की दक्षता में सुधार होता है। यह एमआरएफ सेंटर, 3आर (रिड्यूस, रीसायकल और रीयूज) पहल के तहत कचरे को कम करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है और सर्कुलर इकोनॉमी चेन में इसे शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एनडीएमसी में यह सामग्री रिकवरी केंद्र प्राथमिक स्तर पर उन परिवारों द्वारा शुरू किया जाता है, जो कबाड़ीवालों, स्थानीय रिसाइकलरों और स्क्रैप डीलरों को ऐसी सामग्री बेचने के लिए कचरे से अखबारों, कार्डबोर्ड, प्लास्टिक, बोतलों आदि जैसे पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं को अलग करते हैं।
एनडीएमसी के अनुसार, डोर टू डोर कलेक्शन के दौरान एकत्रित सूखे कचरे को एमआरएफ केंद्रों में इससे कागज, प्लास्टिक, धातु, कांच, कपड़ा आदि को अलग किया जाता है। एमआरएफ केंद्रों को एक कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन के साथ जोड़ा गया है, जो 240 वर्गमीटर के क्षेत्र में 05 टन प्रति दिन (टीपीडी) क्षमता का है। यह एक सेमी-ऑटोमेटेड एमआरएफ सेंटर है, जहां डोर टू डोर कलेक्शन, ट्रांसफर स्टेशन पर आने वाले ऑटो टिपर अपने सूखे कचरे को कन्वेयर बेल्ट के फीडिंग हॉपर में खाली कर देते हैं।
आस-पास के क्षेत्रों से 8 से 10 कूड़ा बीनने वालों को कागज, कांच, थर्मोकोल, प्लास्टिक, कार्डबोर्ड आदि को सूखे कचरे से अलग करते है, जिसे फिर अलग-अलग बैग/कंटेनरों में एकत्र किया जाता है और अधिकृत रिसाइकलरों को सौंप दिया जाता है। इसके अलावा यहां 50 टन क्षमता की वर्टिकल बेलिंग मशीन और भारतौल मशीन भी हैं।
कचरे का रीसायकल नगरपालिका, संस्थागत और थोक कचरे के एक महत्वपूर्ण अंश को अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र में डंप या निपटान से रोकता है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव और सार्वजनिक प्राधिकरणों पर अपशिष्ट प्रबंधन का बोझ कम हो जाता है। एमआरएफ कचरे की मात्रा को कम करके एनडीएमसी की मदद करेगा और संग्रह, परिवहन और निपटान बुनियादी ढांचे में लागत बचत भी करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी