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इटानगर, 25 जनवरी (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (एपीपीएससी) की लिखित परीक्षा लीक मामले को लेकर परीक्षा से वंचित उम्मीदवारों के द्वारा गठित पैन अरुणाचल संयुक्त संचालन समिति (पीएजेएससी) ने जांच एजेंसी सीबीआई के अधिवक्ता पर गंभीर आरोप लगाया। पीएजेएससी ने कहा है कि मामले की जांच एजेंसी सीबीआई के दो अधिवक्ताओं में से एक परीक्षा लीक मामले के एक अरोपित ताकेत जेरंग का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
अरुणाचल प्रेस क्लब में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएजेएससी के सदस्य तादक नालो ने सीबीआई और राज्य सरकार से सवाल किया है कि एक अधिवक्ता जांच एजेंसी सीबीआई और एक अरोपित का किस प्रकार से वकालत कर सकते हैं। यह कदम पूरी तरह से बार काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे (तादक नालो) सीबीआई से मिले थे और इस मामले को दुरुस्त करने के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर सीबीआई इस मामले का समाधान करने में विफल रहती है तो शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
नालो ने सीबीआई द्वारा अरुणचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएसी) पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपित की ओर से कोर्ट में पेश की गई चार्टशीट पर असंतोष जताते हुए कहा कि चार्टशीट अधूरी है। पर्याप्त सबूत नहीं है। किसी आरोपित को सजा दिलाने के लिए जांच का हिस्सा सबसे अहम होता है।
एपीपीएससी, सहायक अभियंता सिविल पेपर लीके मामले में सीबीआई की जांच में 4 महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन आज तक सीबीआई द्वारा एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई से आह्वान किया गया है कि वह एसआईसी और उम्मीवारों द्वारा दिए गए इनपुट और सूचनाओं का उचित उपयोग करें। .
उन्होंने सीबीआई से यह भी अनुरोध किया कि वह एससीआई के स्थानीय और अनुभवी सदस्यों का उपयोग करें और आकांक्षियों को सही मौका दें, ताकि वे एपीपीएससी पेपर लीक मामले में सही तरीके से इनपुट दे सकें।
उन्होंने सीबीआई से अपने सदस्यों को बढ़ाने का भी अनुरोध किया ताकि वे 2014 से 2022 तक एपीपीएससी द्वारा आयोजित 92 परीक्षाओं की सही तरीके से जांच हो सकें।
हिन्दुस्थान समाचार /तागू/अरविंद