शंकरदेव शिशु-विद्या निकेतन के रजत जयंती समारोह में शामिल हुए राज्यपाल
-छात्रों से 'वोकल फॉर लोकल' के लिए एक संभावित शक्ति बनने का आग्रह किया गुवाहाटी, 24 जनवरी (हि.स.)।
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-छात्रों से 'वोकल फॉर लोकल' के लिए एक संभावित शक्ति बनने का आग्रह किया

गुवाहाटी, 24 जनवरी (हि.स.)। असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने कहा, किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सफलता युवा दिमाग में उसके द्वारा बनाए गए प्रभाव और अपने छात्रों को जागते हुए बड़े सपने देखने की शिक्षा देने की क्षमता से निर्धारित होती है।

कामरूप (ग्रामीण) जिला के रामदिया स्थित शंकरदेव शिशु-विद्या निकेतन के रजत जयंती समारोह के समापन समारोह में मंगलवार को छात्रों को संबोधित करते हुए प्रो. मुखी ने कहा, “मेरा मानना है कि एक सफल शैक्षणिक संस्थान को इस स्थिति में होना चाहिए कि वह अपने छात्रों को बड़े सपने देखने में सक्षम बना सके, और उनके सपनों को हकीकत में बदलने में उनकी मदद करे। मैं इस ऐतिहासिक दिन शंकरदेव शिशु-विद्या निकेतन, रामदिया से अनुरोध करता हूं कि वे अपने छात्रों को बड़े सपने देखने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करें।

राज्यपाल ने कहा कि शंकरदेव शिशु-विद्या निकेतन, रामदिया शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र होने के नाते अपने गौरवशाली 25 वर्ष पूरे कर चुका है, अपने पूरे समाज के लिए खुशी, सफलता, हंसी, उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ चुनौतीपूर्ण क्षण भी देखा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का महत्व यह है कि इसे कभी भी केवल डिग्री हासिल करने के साधन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। सामाजिक विकास के लिए गहरी प्रतिबद्धता के साथ एक सर्वांगीण व्यक्तित्व विकसित करने के लिए इसका पर्याप्त उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शंकरदेव शिशु-विद्या निकेतन, रामदिया के शिक्षक और प्रबंधन मिलकर अपने छात्रों के समग्र विकास के लिए समर्पित रूप से कार्य करें। राज्यपाल ने कहा, 'यह सच है कि हर बच्चा जन्मजात प्रतिभा लेकर पैदा होता है। हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि हम उन निहित गुणों को प्यार और देखभाल के साथ पोषित करें और उन्हें समाज के लिए काम करने के लिए मानवीय हृदय के साथ देश का एक सक्षम नागरिक बनने में मदद करें।

नेल्सन मंडेला की पंक्तियों का हवाला देते हुए कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है, राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उपयोग किसी भी समस्या की उत्पत्ति का पता लगाने और उसके अनुसार समाधान खोजने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सफलता इस बात से तय होती है कि वह युवा दिमाग में क्या प्रभाव पैदा करता है। उन्होंने कहा कि युवा छात्रों का दिमाग एक दिन अपने चुने हुए क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए विकसित होगा। राज्यपाल ने कहा, उनके 'क्या', 'क्यों' और 'कैसे' के सवालों का जवाब देना इस तथ्य का प्रमाण है कि सीखना जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है।

प्रो. मुखी ने कहा, “यह छात्र हैं जिन पर राष्ट्र निर्भर करता है और यह छात्रों का कौशल और ज्ञान है जो भारत की सबसे बड़ी ताकत रहे हैं। आशा है कि नई पीढ़ी विश्व स्तर पर और स्थानीय स्तर पर समाज की सेवा करेगी और 'वोकल फॉर लोकल' के लिए एक शक्तिशाली शक्ति बनेगी।

राज्यपाल प्रो. मुखी ने विद्यालय के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर शंकरदेव शिशु-विद्या निकेतन, रामदिया सहित पूरे विद्यालय परिवार को ज्ञान प्रसार के क्षेत्र में उनकी भूमिका के लिए बधाई दी। उन्होंने स्कूल के संकाय सदस्यों को उन सभी अवसरों और चुनौतियों को प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके छात्रों को ज्ञान संचालित समाज को प्रकट करने के लिए मूल्यों, प्रतिबद्धताओं और सेवाओं को विकसित करने में सक्षम बनाया।

समारोह में कामरूप (ग्रामीण) जिला उपायुक्त कीर्ति जल्ली, केकेएचएसओयू की डीन डॉ. दिब्या ज्योति महंत, एसएमडीसी के अध्यक्ष डॉ. नृपेन चंद्र दास, आरएसएस असम के कार्यवाह खगेन सैकिया सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद