फिर गुलजार होंगी हमीरपुर की सहकारी समितियां
- बहुउद्देशीय घोषित होने पर कर सकेंगी हर प्रकार का व्यवसाय हमीरपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। शासन ने किसान
फिर गुलजार होंगी हमीरपुर की सहकारी समितियां


- बहुउद्देशीय घोषित होने पर कर सकेंगी हर प्रकार का व्यवसाय

हमीरपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। शासन ने किसानों की रीढ़ कही जाने वाली सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन्हें बहुउद्देशीय समितियां घोषित कर दिया है। यह समितियां सहकारी बैंक से ऋण लेकर हर प्रकार का व्यवसाय कर सकेंगी। शासन ने हर जिले से समितियों की रिपोर्ट मांगी है। अब संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है।

सहकारिता विभाग के सहायक निबंधक (एआर) रामसागर चौरसिया ने बताया कि सहकारिता किसानों की मेरुदंड कहा जाता है। किसानों को ऋण से लेकर उर्वरक व बीज यहीं से प्राप्त होता है। मगर पूरे प्रदेश में धीरे धीरे सहकारी समितियों का नामोनिशान मिटता जा रहा था, जिससे शासन ने समितियों को बहुउद्देशीय घोषित कर दिया है।

अब समितियों के सचिव व अन्य स्टाफ बैंक से पर्याप्त ऋण लेकर ग्रामीण क्षेत्र के अनुसार कोई भी व्यवसाय कर सकेंगी। ताकि स्टाफ को वेतन मिलने के साथ इनका आर्थिक ढांचा मजबूत हो सके। जिले में 46 सहकारी समितियां संचालित हैं जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। सचिवों व अन्य कर्मियों को वेतन कई कई महीने नहीं मिल पाता है। जब खाद बिक्री का समय आता है तभी समितियों में होने वाली बिक्री के लाभांश से वेतन व अन्य आर्थिक समस्या का समाधान हो पाता है।

इसके बाद सालभर धनाभाव से जूझना पड़ता है। बहुत पहले हरेक समितियों में मिनी बैंक किसानों के लिए स्थापित किए गए थे जो समाप्त हो चुके हैं।जिससे किसान अब अपनी छोटी-छोटी बचत भी जमा करने के लिए बैंकों का सहारा ले रहे हैं। एआर चौरसिया ने बताया कि ज्यादातर समितियां एकदम जर्जर हो गईं थी।

करीब बीस समितियों को आईसीडीसी की ओर से मरम्मत का कार्य कराया है। जिसमें करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ है। यह पैसा भी संबंधित समितियों को ऋण के रूप में नाबार्ड को अदा करना पड़ेगा। एआर ने बताया कि शासन इसके लिए रुपरेखा तैयार कर रहा है। अभी हाल ही में जिलेवार संबंधित अधिकारियों की बैठक उच्चाधिकारियों के साथ हो चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज