राज्य स्तर पर चमका गोरखपुर के औरंगाबाद का टेराकोटा शिल्प
- टेराकोटा शिल्पकार अखिलेश राज्यस्तरीय पुरस्कार से किए जाएंगे सम्मानित - गोरखपुर का एक जिला एक उत्प
टे राकोटा शिल्पकार अखिकेश प्रजापति की फाइल फोटो


- टेराकोटा शिल्पकार अखिलेश राज्यस्तरीय पुरस्कार से किए जाएंगे सम्मानित

- गोरखपुर का एक जिला एक उत्पाद है टेराकोटा शिल्प, मिला है जीआई टैग

गोरखपुर, 23 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के ''एक जिला एक उत्पाद'' योजना में शामिल गोरखपुर के टेराकोटा के शिल्पकार अखिलेश प्रजापति, राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित होंगे। यह पुरस्कार उन्हें माटीकला बोर्ड लखनऊ द्वारा माटीकला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य एवं कला प्रस्तुति के लिए प्रदान किया जाएगा। 24 जनवरी को लखनऊ में ‘अवध शिल्प ग्राम शहीद पथ’ में राजकीय समारोह में अखिलेश को राज्यस्तर पर द्वितीय पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र और 30 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी।

गोरखपुर जिले के औरंगाबाद के शिल्पकार अखिलेश के चयन से स्थानीय शिल्पकारों में हर्ष है। अखिलेश भी राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित होने पर उत्साहित हैं। इन दिनों अवध शिल्प ग्राम शहीद पथ पर लगने वाली प्रदर्शनी के लिए अपने उत्पाद भी तैयार करने में जुटे हैं। अखिलेश प्रजापति स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद साल 2001 से मिट्टी को मूर्ति का आकार देने की कला सीखने लगे। धीरे-धीरे अखिलेश की अंगुलियां चाक पर मिट्टी के साथ खेलते हुए मूर्तियों का आकार देने लगीं। देखते ही देखते उनकी मूर्तियां बाजार में स्थान बना लीं। वर्तमान में उनके द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों की मांग गोरखपुर शहर के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में है।

कई मंचों पर सम्मानित हो चुके अखिलेश 24 जनवरी को लखनऊ में सम्मानित होंगे। वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथों से अखिलेश प्रजापति को प्रथम पुरस्कार मिला था। वर्ष 2022 में इस शिल्पकार को मंडल स्तरीय पुरस्कार भी मिल चुका है।

दूसरी ओर काठमांडू में 25 जनवरी को भारत और नेपाल की संयुक्त रूप से एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की प्रदर्शनी आयोजित की गई है। इसमें गोरखपुर के शिल्पकार औरंगाबाद निवासी पन्नेलाल प्रजापति एवं एकला नंबर दो निवासी हरिओम आजाद टेराकोटा की कला का प्रदर्शन करेंगे। भारतीय दूतावास की ओर से जारी पत्र के आधार पर संयुक्त आयुक्त (उद्योग) गौरव मिश्र ने दोनों शिल्पकारों को भारत-नेपाल की संयुक्त प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए अनुमति दी है। सोमवार सुबह दोनों शिल्पकार उपकरण एवं टेराकोटा की कलाकृतियों को बनाने के लिए मिट्टी लेकर नेपाल स्थित भारतीय दूतावास के लिए रवाना हो गए।

हिन्दुस्थान समाचार/आमोदकांत