तवांग झड़प के 43 दिन बाद एलएसी पहुंचे सेनाध्यक्ष, भारतीय चौकियां देखीं
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन के सैनिकों से झड़प के 43 दिन बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पहुंचे।
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे


- अरुणाचल प्रदेश में परिचालन तैयारियों और सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई

- सैनिकों से उत्साह और समर्पण के साथ सीमा पर मोर्चा संभाले रखने का आह्वान किया

नई दिल्ली, 23 जनवरी (हि.स.)। सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन के सैनिकों से झड़प के 43 दिन बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पहुंचे। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के साथ इकाइयों और संरचनाओं का दौरा किया। इस दौरान और उन्हें परिचालन तैयारियों और सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। थल सेना प्रमुख ने पैनी चौकसी बनाए रखने के लिए सैनिकों को सराहा और सभी से उत्साह और समर्पण के साथ सीमा पर मोर्चा संभाले रखने का आह्वान किया।

जनरल मनोज पांडे तवांग झड़प के 43 दिन बाद शनिवार को अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। यहां उन्होंने एलएसी से सटी भारतीय चौकियों का दौरा किया। जनरल पांडे यहां तैयारियों और सुरक्षा हालात का जायजा भी लिया। यह जगह तवांग से करीब है, जहां पर पिछले साल भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। उन्होंने जवानों की सतर्कता, कर्तव्य और निगरानी की तारीफ करते हुए उम्मीद जताई कि आप इसी मुस्तैदी और कर्मठता से सीमा पर मोर्चा संभाले रखेंगे। सेनाध्यक्ष के तवांग सेक्टर के दौरे के बारे में सेना ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि जनरल मनोज पांडे को दौरे के समय ऑपरेशनल तैयारियों और मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने अधिकारियों और सैनिकों के साथ बातचीत में प्रोफेशनलिज्म और कर्तव्य के प्रति समर्पण लिए उनकी सराहना की।

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सेना दिवस पर सालाना प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि चीन की देश की उत्तरी सीमाओं पर हालात काबू में हैं, लेकिन अप्रत्याशित हैं। चीन के किसी भी प्रयास को रोकने के साथ ही उत्तरी सीमा पर विरोधी पक्ष के जवाब में हमारी भी तैनाती जारी है। सीमा पर हमारे पास बराबर संख्या में सैनिक हैं। हमारी पूर्वी कमान के विपरीत चीन ने सैनिकों की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है, लेकिन हम कड़ी नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर सैनिकों की संख्या का कोई महत्व नहीं होता, बल्कि उनमें उत्साह, जोश और हौसला मायने रखता है, जो हमारे सैनिकों में है। यही वजह है कि हम दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि हम सात मुद्दों में से पांच को हल करने में सफल रहे हैं। हमने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर चीन से बात करना जारी रखा है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त भंडार है। एलएसी पर तैनात हमारे सैनिक दृढ़ तरीके से चीन के उन प्रयासों को रोकने में सक्षम रहे हैं, जिसमें उन्होंने यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि वे एलएसी की मौजूदा स्थिति को बदलने के लिए हो रही किसी भी कोशिश को नाकाम करने में सक्षम हैं। इसके लिए उनके पास मजबूत सेना और हथियार मौजूद हैं। कठिन क्षेत्र और खराब मौसम के बावजूद हमारे बहादुर जवान वहां तैनात हैं। उन्हें सभी प्रकार के हथियार, उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में दी जा रही हैं।

अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी। घुसपैठ करने के इरादे से आये करीब 600 चीनी सैनिकों को खदेड़ने में भारत के छह जवान घायल हुए, जबकि चीन के सैनिकों को भी ज्यादा नुकसान पहुंचा। इस झड़प के बाद तवांग में भारतीय वायु सेना ने अरुणाचल सीमा पर कॉम्बैट एयर पेट्रोलिंग शुरू कर दी हैं। हालांकि तवांग में हुई झड़प से पहले भी चीन ने अरुणाचल सीमा में अपने ड्रोन भेजने की कोशिश की थी, जिसके इसके बाद वायु सेना ने अपने लड़ाकू विमान अरुणाचल सीमा पर तैनात किए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम