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लखनऊ, 16 जनवरी (हि.स.)। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण किसानों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। दिन में धूप व रात को ज्यादा सर्दी की स्थिति में सब्जियों को बचाने के लिए किसानों को पानी से सिंचाई के साथ ही दवाओं का छिड़काव भी करना चाहिए। विशेषकर आलू की फसल को पाला मारने का डर सताता रहता है। इससे बचाने के लिए सिंचाई करना जरूरी है। इसके साथ ही राख का छिड़काव करना भी उपयुक्त होता है।
इस संबंध में प्रगतिशील किसान और प्राकृतिक खेती करने वाले रामकिरत मिश्र का कहना है कि पाले से बचाव के लिए राख का प्रयोग लाभदायक है। प्रति एकड़ खेत में यदि पचास किलो तक राख का छिड़काव कर दिया जाए तो पाले से बचाव के साथ ही फसल के लिए फायदेमंद भी होगा। उन्होंने बताया कि राख फसलों के लिए खाद का भी काम करता है। इसके साथ ही सिंचाई करना भी जरुरी होता है।
उन्होंने कहा कि बदलते मौसम में जिस तरह से व्यक्ति को ज्यादा सतर्कता की जरूरत होती है। वैसे ही फसलों के लिए भी सतर्कता जरुरी है। आलू के खेत में नमी बनाये रखना चाहिए। इससे पाला का असर कम हो जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र