गुना, 8 सितंबर (हि.स.)। आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने कलेक्टर कार्यालय में मॉक ड्रिल किया। इसमें विभिन्न आपदाओं के दौरान फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए डेमो दिया गया। ऊपरी मंजिल पर फंसे नागरिकों, बच्चों को कैसे निकाला जाता है, यह भी बताया गया। कमांडर श्रीनिवास मीना ने बताया कि डेमो के द्वारा जानकारी दी गयी है। इस दौरान स्ष्ठक्रस्न, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टेट कार्यालय गुना के सभाकक्ष में गुरुवार को प्रात 10 बजे भूकंप व अन्य आपदा से निपटने के लिये एनडीआरएफ टीम द्वारा टेबिल टॉप एक्सरसाईज और को-ऑर्डिनेशन मीटिंग एवं मॉकड्रिल आयोजित की गयी। मॉकड्रिल के दौरान कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए, पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर आदित्य सिंह एवं जिला सलाहकार राज्य आपदा से डॉ. रेशमा रेशवाल सभाकक्ष में टेबल टॉप कॉन्फ्रेंस के साथ उपस्थित रहे।
इस दौरान संबंधित अधिकारियों को मॉकड्रिल के बारे में विस्तार से एनडीआरएफ टीम द्वारा जानकारी दी गई। आपदा प्रबंधन मॉकड्रिल के दौरान भवन के अंदर आपात स्थिति में फंसे हुए व्यक्तियों को निकालते हुए दर्शाया गया। साथ ही इस दौरान क्या-क्या सावधानियां रखी जाना चाहिए, इसके संबंध में आवश्?यक जानकारी दी गयी। साथ ही फायर सेफ्टी अधिकारी द्वारा भूकंप जैसी आपदा के समय कैसे बचाव करें आदि की भी विस्तृत जानकारी दी गयी।
कलेक्टर कार्यालय को आपदा स्पॉट बनाया गया था। यहां ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल पर 14-15 नागरिक आपदा में फंसे हुए थे। सबसे पहले एनडीआरएफ की टीम ने एक व्यक्ति को सुरक्षित निकाला। इसके बाद बाकी नागरिकों को निकालने के लिए टीम को बुलाया गया। सभी उपकरणों के साथ टीम मौके पर पहुंची। सबसे पहले नागरिक जहां फंसे हुए थे, उनकी लोकेशन पता की गयी। एक नागरिक मकान में फंसा हुआ था, तो उसे प्लाई को काटकर बाहर निकाला गया। इसके बाद पहली मंजिल पर फंसे नागरिकों को निकालने के लिए टीम रस्सी के सहारे ऊपर पहुंची। वहां से रोप के माध्यम से नागरिकों को रेस्क्यू किया गया। वहीं फंसे बच्चे को टीम के जवान रूप के माध्यम सेलेकर नीचे आये। तुरंत सभी को प्राथमिक उपचार देने के बाद एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक