- एक ही दिन में तीन पेसमेकर इम्प्लांट कर बचाई गई तीन मरीजों की जान
रीवा, 24 नवंबर (हि.स.)। शहर का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ह्दय रोग विभाग विंध्य क्षेत्र का प्रथम ह्दय रोग संस्थान बन गया है, जिसमें ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके त्रिपाठी ने एक ही दिन में कम्प्लीट हार्ट ब्लॉक के साथ चिकित्सालय में आये तीन मरीजों को पेसमेंकर ईम्प्लांट करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि यह एक जटिल प्रक्रिया है, इसलिए एक साथ तीनों मरीजों में पेसमकेर ईम्प्लांट करने में काफी कठिनाइयां थी, फिर भी मरीजों की जान बचाने के लिए किसी भी प्रोसीजर को अगले दिन में टालना सही नहीं समझा। एक ही दिन में तीनों मरीजों का पेसमेकर ईम्प्लांट करने का प्लान बनाया। यह जटिल प्रोसीजर को एक ही दिन में कैथलैब स्टाफ जय नारायण मिश्रा, सत्यम शर्मा, मनीष, सुमन एवं नर्सिग स्टाफ के सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया।
उन्होंने बताया कि जगदीश तिवारी, सुशीला एवं सुमेश्वर तीनों ही मरीज डॉ. एसके त्रिपाठी के पास कंम्प्लीट हार्ट ब्लाक की शिकायत के साथ आये थे, जिसमें जांच के दौरान पता चला कि मरीज के ह्दय की गति कम्प्लीट हार्ट ब्लाक के कारण सामान्य से बहुत कम हो गयी थी, जिसमें तत्काल प्रोसिजर न करने पर मरीजों की जान को खतरा था। पेसमेकर डिवाइस ह्दय में कृत्रिम तरीके से धड़कन उत्पन्न करने वाली जटिलतम डिवाइस कॉलर बोन के 2-3 सेमी नीचे एक पॉकेट बनाकर इम्प्लांट की जाती है, जिससे निकलने वाली इलेक्ट्रिकल वायर ह्दय को स्टिमुलेट करता है, जिससे ह्दय सुचारू रूप से अपना काम कर सके।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. श्रीवास्तव ने कार्डियोलॉजी टीम को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि तीनों मरीजों का एक ही दिन में पेसमेंकर ईम्प्लांट करके मरीजों की जान बचाया जाना गर्व की बात है, जो कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनों के आने तथा कार्डियोलॉजी विभाग में सुशिक्षित चिकित्सकों की पदस्थापना होने के कारण ये सभी हार्ट के प्रोसीजर अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा में संभव हो पाये हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश