नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स.)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा के बुरे हाल पर कड़ी आलोचना की है। गोयल ने गुरुवार को प्रजा फाउंडेशन के सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि पिछले सात साल में छह लाख से ज्यादा बच्चे 9वीं और 11वीं में फेल हो गए और फेल हुए बच्चों में उम्र के कारण उनको स्कूलों में दाखिला नहीं दिया जा रहा और उनको पत्राचार विद्यालय में दाखिले के लिए मजबूर किया जा रहा है। बड़ी समस्या यह है कि 50 प्रतिशत बच्चों ने पत्राचार विद्यालय में दाखिला नहीं लिया और वे अब शिक्षा से वंचित हो गए हैं।
गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार के 1036 स्कूलों में से आज केवल 100 स्कूलों में ही प्रिंसिपल हैं, बाकी स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल से काम चलाऊ काम चला रहे हैं। दिल्ली सरकार योग की बात करती है, किन्तु उनके स्कूलों में एक भी योग शिक्षक नही है।
गोयल ने कहा कि स्वयंसेवी संगठन ‘प्रथम’ के द्वारा स्कूल में पहले तीन पीरियड्स हैप्पीनेस, देशभक्ति इंटरप्रीन्योरशिप माइंडसेट प्रोग्राम चलाए जाते हैं। वे भी केवल खानापूर्ति है, उसके कारण बच्चों को अपने नियमित विषयो को पढ़ने में बड़ी दिक्कत होती है, इसीलिए इतने बच्चे फेल हो रहे हैं।
गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार यह सा-हजया करे कि दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए जो प्रवेश परीक्षा होती है, उसमें दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले कितने बच्चों उर्तीण हो पाए, इससे दिल्ली सरकार के स्कूलों की शिक्षा का स्तर पता चलेगा।
गोयल ने कहा पिछले शिक्षा निदेशक का एक वीडियो सामने आया है, जिसमे साफ तौर से वे बच्चों से कह रहे थे कि आपको प्रश्नो के उत्तर नहीं आते तो आप प्रश्न ही लिख आओ या कुछ भी लिख दो, आप पास हो जाओगे।
हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी