बंगाईगांव (असम), 17 नवंबर (हि.स.)। गुवाहाटी के पाटगांव स्थित प्रथम वाहीनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), आपदा या आपदा जैसी स्थितियों के दौरान न केवल अपनी अथक सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि नागरिकों को ऐसी स्थितियों में सुरक्षा सावधानियों के बारे में नियमित रूप से प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। गुरुवार को प्रथम बटालियन एनडीआरएफ के कमांडेंट एचपीएस कंडारी ने अन्य अधिकारियों और श्वान दल युक्त एनडीआरएफ की 05 टीमों के साथ अरुणाचल प्रदेश, असम और नगालैंड के 09 जिलों में एनडीएमए द्वारा आयोजित भूकंप पर आधारित एक बहु-राज्य मॉक अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लिया।
उपरोक्त 09 जिलों में से श्वान दल युक्त प्रथम बटालियन एनडीआरएफ की 05 टीमों ने असम के 5 जिला मुख्यालयों यानी बंगाईगांव, गुवाहाटी, हाफलोंग (डिमा हसाउ), कोकराझार और सिलचर (कछार) में आपदा विशेषज्ञों के रूप में सक्रिय रूप से और 10 अधिकारियों ने असम के 6 जिलों में पर्यवेक्षक के रूप भाग लिया।
इस सफल भूकंप मॉक ड्रिल के लिए चार से पांच दिनों की गहन तैयारी की गई जिसमें टेबल टॉप अभ्यास, सामुदायिक जागरूकता सह तैयारी और हितधारकों के साथ परिदृश्य आधारित व्यावहारिक अभ्यास शामिल है। मॉक ड्रिल आपातकालीन तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं और ऐसे अभ्यासों का उद्देश्य संबंधित राज्य और जिलों के सभी हितधारकों को एक साथ लाना और बचाव और राहत कार्यों के संचालन के दौरान निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करना होता है। इसके आलावा गहन प्रशिक्षण और मॉक ड्रिल से आपदा की स्थिति में प्रतिक्रिया करने का आत्मविश्वास विकसित होता है।
इस अवसर पर इस मेगा इवेंट के मुख्य पर्यवेक्षक कमांडेंट कंडारी ने कहा, “आपदा प्रबंधन उत्तर पूर्व भारत में सतत विकास की कुंजी है। आपदा प्रबंधन में समुदाय एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है, अगर हम एक स्थिर और सुरक्षित समाज के लिए आपदा प्रतिरोधी भारत का सपना देखते हैं, तो समुदाय को आपदा प्रबंधन की बुनियादी बातों से निपटने के लिए संवेदनशील और जागरूक होना आवश्यक है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल आपदा सेवा सदैव सर्वत्र के अपने मिशन पर सतत अग्रसर है।
इस पूरे मेगा इवेंट के दौरान, एनडीआरएफ बचाव कर्मियों द्वारा प्रदर्शित त्वरित प्रतिक्रिया व पेशेवर कौशल की एनडीएमए, राज्य और जिला प्राधिकरणों तथा दर्शकों द्वारा सराहना की गई।
हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद