सर्दी के दिनों में रोजाना 50 क्विंटल मूंगफली खा जाते हैं गंगानगरवासी
श्रीगंगानगर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। गरीब का काजू कही जाने वाली मूंगफली बाजार में आनी शुरू हो गई है। खाद
सर्दी के दिनों में रोजाना 50 क्विंटल मूंगफली खा जाते हैं गंगानगरवासी


श्रीगंगानगर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। गरीब का काजू कही जाने वाली मूंगफली बाजार में आनी शुरू हो गई है। खाद्य तेलों के भाव मंदे होने से इस बार मूंगफली के भाव भी सामान्य ही चल रहे हैं। कच्ची मूंगफली क्वालिटी के अनुसार 5700 से 6200 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक रही है। रेहड़ी पर भूनी हुई मूंगफली 150 रुपए और गोटे (दाना) करीब 200 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। सर्दी बढऩे के साथ ही लोगों को मूंगफली के थड़ों का इंतजार रहता है। व्यवसायियों के अनुमान के अनुसार सर्दी के दिनों में श्रीगंगानगरवासी रोजाना करीब 50 क्विंटल भूनी मूंगफली खा जाते हैं। मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5850 रुपए प्रति क्विंटल है और प्रदेश में इसकी सरकारी खरीद 18 नवंबर से शुरू की जाएगी।

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में सूरतगढ़, नोहर और रावतसर क्षेत्रों में मूंगफली की खेती हो रही है। किसानों का कहना है कि लेबर की कमी के चलते उनका खेती की ओर रुझान कम होने लगा है। बीकानेर, लूणकरणसर, सरदारशहर, रतनगढ़ सीकर और रींगस भी मूंगफली उत्पादक क्षेत्रों में शामिल हैं। लूणकरणसर में मूंगफली की बड़ी मंडी स्थापित हो चुकी है। सीजन के दिनों में टीलों की तरह मंडी में मूंगफली के ढेर नजर आते हैं।

मूंगफली व्यवसायी रामावतार लीला ने बताया कि श्रीगंगानगर की बजाय बीकानेर में मूंगफली का अच्छा व्यवसाय है। वहां पर मूंगफली की फैक्ट्रियां स्थापित हो चुकी हैं। श्रीगंगानगर में भूनी हुई मूंगफली का अच्छा व्यवसाय है। सीजन में यहां से रोजाना दो-तीन ट्रक पंजाब में जाते हैं।

सर्दी की दस्तक के साथ ही लग जाते हैं थड़े

अब सर्दी के साथ-साथ शहर में मूंगफली के थड़े बढऩे शुरू हो जाएंगे। यूपी व बिहार राज्य के लोग यहां आकर सड़क पर मूंगफली के थड़े लगाते हैं। व्यवसाय को देखते हुए बहुत से लोग तो यहां स्थाई रूप से बस चुके हैं। मूंगफली का थड़ा लगाने वाले रामू ने बताया कि वे सर्दी के मौसम में मूंगफली बेचते हैं और बाकी समय में वे अन्य काम कर लेते हैं।

गत वर्ष की तुलना में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में घटा बुवाई क्षेत्र

कृषि विभाग के अनुसार इस बार जिले में 5000 हैक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 5120 हैक्टेयर में मूंगफली की बुवाई की गई है। गत वर्ष 5424 हैक्टेयर में बुवाई की गई थी।

वहीं हनुमानगढ़ जिले में 15000 हैक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 8800 हैक्टेयर में ही मूंगफली की बुवाई हो पाई है। यहां पिछले वर्ष 13390 हैक्टेयर में बुवाई की गई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/ दलवीर/ ईश्वर