- चाइल्ड हेल्प डेस्क चाइल्डलाइन 1098 के 04 वर्ष पूरे होने पर केक काटकर धूमधाम से मना स्थापना दिवस
कानपुर, 10 जनवरी (हि.स.)। सुभाष चिल्ड्रन सोसायटी द्वारा संचालित कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर बच्चों की मदद के लिए कार्यरत चाइल्ड हेल्प डेस्क चाइल्डलाइन 1098 के 04 वर्ष पूरे होने पर केक काटकर धूमधाम से स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि अनिल कुमार तिवारी स्टेशन अधीक्षक, विनय कुमार तिवारी मुख्य टिकट निरीक्षक को मोतियों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया।
रेलवे चाइल्ड लाइन के निदेशक कमल कांत तिवारी ने प्रेस वार्ता में विगत 04 वर्षों की रेलवे चाइल्ड लाइन की सफलता की जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे चाइल्ड लाइन विगत 04 वर्षों में कुल 4792 बच्चों को मदद पहुंचाई गई। जिसमें कि 1607 बच्चों को परिजनों के सुपुर्द किया गया व 592 बच्चों को बाल कल्याण समिति के आदेश अनुसार सरकारी व गैर सरकारी आश्रय ग्रहों बाल ग्रहों में आश्रय दिलाया गया। 15 बच्चों को मेडिकल की मदद पहुंचाई गई। 17 बच्चों को शोषण से बचाया गया।
88 बच्चों को उनकी आवश्यकता अनुसार सामान उपलब्ध कराया गया। 142 बच्चों के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी पर मदद पहुंचाई गई। 66 अन्य बच्चों के केस में मदद की गई व कोविड-19 के दौरान 2265 बच्चों को खाने, कपड़े, मास्क व सैनिटाइजर की मदद की गई। साथ ही कार्यक्रम के दौरान बच्चों को बिस्कुट, चॉकलेट, गुब्बारे व समोसे आदि का वितरण किया गया।
उन्होंने बताया कि लोगों से अपील की गई कि स्टेशन परिसर को बाल हितैषी बनाएं व साथ ही उपस्थित लोगों को रेलवे चाइल्ड लाइन के कार्यों के प्रति जागरूक किया गया। उपस्थित सभी अधिकारियों ने रेलवे चाइल्डलाइन कानपुर के कार्यों की सराहना की।
रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक गौरव सचान ने बच्चों की मदद व उनके पुनर्वासन के बारे में विस्तृत जानकारी दी व साथ ही बताया कि बच्चे अपनी व परिवार की विभिन्न परिस्थितियों व समस्याओं से जूझते हुए आर्थिक तंगी से परेशान परिजनों से नाराज ट्रेन को सरल माध्यम मानते हुए पलायन कर जाते हैं। और रेलवे स्टेशन आकर विभिन्न अराजक तत्वों के संपर्क में आकर आपराधिक व नशे की प्रवृत्ति में लिप्त हो जाते हैं।
वह अपने जीवन को नरकी बना लेते हैं। लेकिन रेलवे चाइल्ड लाइन बच्चों को परिजनों से बिछड़ने और बच्चों को आपराधिक प्रवृत्ति में लिप्त होने से रोकने में कारगर सिद्ध हो रही है। अगर आप किसी को ऐसे बच्चे मिले तो हमें चाहिए कि हम किसी भी फोन से 1098 नंबर डायल करके ऐसे बच्चों की सूचना चाइल्डलाइन को दें ताकि ऐसे बच्चों की मदद त्वरित रूप से की जा सके।
इस कार्यक्रम में समाजसेवी राजेंद्र सिंह रेलवे चाइल्ड लाइन काउंसलर मंजू लता दुबे, टीम सदस्य संगीता सचान, अमिता तिवारी, प्रदीप पाठक, उमाशंकर नारायण दत्त त्रिपाठी, ओम प्रकाश, जीआरपी एस आई बाल कल्याण अधिकारी नेत्रपाल, आरपीएफ एसआई धर्मेश कुमार, आरपीएफ एसआई सुजीत सिंह चंदेल, आरपीएफ कांस्टेबल आरजू व अन्य आरपीएफ, जीआरपी, रेलवे प्रशासन व बच्चे उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु