दरंग (असम), 27 सितम्बर (हि.स.)। पुलिस ने दरंग जिला के सिपाझार निवासी दो लोगों को गत 23 सितम्बर को जिला के गोरुखुटी में हुई हिंसा को बढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस के चलाये गये अभियान के दौरान पुलिस पर किया गया हमला पूर्व सुनियोजित था। इसकी जांच की जा रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने हिंसा को भड़काने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार दोनों की पहचान सानोवा गांव पंचायत के अध्यक्ष सान मामुद और बाजना पथार गांव पंचायत के पूर्व अध्यक्ष आसमत अली के रूप में की गयी है। दोनों दरंग जिला के सिपाझार थानांतर्गत चर चापरी (नदी का छाड़न वाला इलाका) इलाके के निवासी बताये गये हैं। फिलहाल दोनों से सिपाझार थाने में पुलिस गहन पूछताछ कर रही है।
उल्लेखनीय है कि गत 23 सितम्बर को घटी घटना के दौरान पुलिसिया कार्रवाई के दौरान दो उपद्रवियों की मौत हो गयी थी, जबकि नौ पुलिस कर्मी समेत अन्य उपद्रवी घायल हुए हैं। असम सरकार ने इस घटना के पीछे देशभर में बदनाम संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ बताया है।
राज्य सरकार ने बताया है कि घटना वाले दिन से पहले पीएफआई के सदस्यों ने सरकारी भूमि पर अवैध रूप से रह रहे लोगों से जमीन पर कब्जा बरकरार रखवाने के लिए बरगला कर 28 लाख रुपये वसूला था। पीएफआई की मंशा अवैध कब्जा करने वालों से सात करोड़ रुपये वसूलने की थी। इस पैसे से असम में सरकार के विरुद्ध आंदोलन करते हुए अशांति का माहौल पैदा करना था।
हालांकि पीएफआई इस घटना को देश ही नहीं विदेशों में भी फैलाने की कोशिश की है। खासकर इस घटना का जिक्र पड़ोसी देश पाकिस्तान भी कर रहा है। पीएफआई की मंशा इस तरह की घटनाओं के जरिए भारत की छवि को खराब करना है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद