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वाराणसी, 27 सितम्बर (हि.स.)। आम जनता की पहुंच से दूर होते जा रहे महंगे अंग्रेजी दवाओं के विकल्प के रूप में जन औषधि योजना के तहत आने वाले जेनेरिक दवाओं के प्रयोग के लिए सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जन जागरूकता अभियान चलाया।
सामाजिक संस्था सुबह-ए- बनारस क्लब के बैनर तले मैदागिन स्थित भारतेंदु पार्क में जुटे सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने जेनेरिक दवाओं के प्रयोग के लिए लोगों से अपील की।
संस्था के मुकेश जायसवाल और महासचिव राजन सोनी पार्क में नित्य प्रतिदिन हजारों टहलने वाले को बताया कि जब कोई अंग्रेजी दवा बनती है, तो कंपनियां उसको पेटेंट करा लेती है। जिसकी वजह से वह दवा काफी महंगे मूल्य में बाजार में उपलब्ध हो पाती है। वहीं, दवा जब पेटेंट के दायरे से बाहर आती है,और उसी दवा को कई कंपनियां जब बनाती है तो वह दवा सस्ते मूल्य में जेनेरिक दवा के रूप में बाजार में उपलब्ध हो जाती है।
जायसवाल ने कहा कि आजकल के मिलावटी खानपान जंक फूड के प्रति लोगों का रुझान पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रहा है। इससे लोगों में शुगर और ब्लड प्रेशर के साथ अन्य बीमारियां भी बढ़ रही है। बीमारियों के कारण महंगाई के इस दौर में घर का मुखिया उस समय असहाय और लाचार हो जाता है। जब वह आज के इस आधुनिक युग में इलाज के लिए महंगे हो चुके डॉक्टर के फीस एवं महंगे दवाओं के चक्कर में अपना जमा पूंजी गंवाता रहता है। ऐसे जरूरतमंदों के लिए बाजार में वरदान के रूप में आए जन औषधि योजना के तहत जेनेरिक दवाओं ने बहुत हद तक राहत देने का कार्य किया है। जन औषधि केंद्र पर बिकने वाली जेनेरिक दवाओं को लेकर शुरुआती चरण में इनकी गुणवत्ता को लेकर अफवाहें भी फैलाई गई। मगर वास्तविकता यह है, कि इनकी गुणवत्ता चमकीली- भड़कीली पैकिंग में बिकने वाली अग्रेजी दवाओं से कहीं भी कम नहीं है। कमीशन के चक्कर में फैलाया गए इसके दुष्प्रचार एवं न जानकारी होने के वजह से लोगों में इसके प्रति जागरूकता में काफी कमी है। जो कोई भी जेनेरिक दवा का इस्तेमाल एक बार कर लेता है। उसके बाद उसका रुझान खुद ब-खुद उसकी ओर हो जाता है।
अभियान में अनिल केसरी, चन्द्रशेखर चौधरी, विशेश्वरगंज व्यापार मंडल अध्यक्ष अशोक गुप्ता, नीचीबाग व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ताआदि भी शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर