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गुवाहाटी, 14 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय गृह विभाग द्वारा असम में अफ्सपा कानून को पुनः बढ़ाने को असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) राज्य की कानून-व्यवस्था के खराब होना बताया है। लेकिन, कांग्रेस के इस आरोप को प्रदेश भाजपा ने निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया है।
इस संदर्भ में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रंजीव कुमार शर्मा ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा है कि कांग्रेस शासन के दौरान असम में अफ्सपा को लागू किया गया था। तरुण गोगोई के 15 वर्षों के शासनकाल में यह कानून लागू था। उस समय कांग्रेस ने इस कानून का समर्थन किया था। केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में सांप्रदायिक संघर्ष, बम विस्फोट, कानून के लिए चुनौती बनने वाली कोई घटना नहीं घटी है। शर्मा ने कहा है कि यह भाजपा सरकार की सफलता है।
उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार की सफलता को देखकर कांग्रेस पार्टी निराश हो गयी है। और उसके मन में जो आ रहा वही बके जा रही है।
उन्होंने कहा है कि पिछले कई वर्षों में असम में कोई सांप्रदायिक संघर्ष नहीं हुआ है। इसे भाजपा की सफलता बताते हुए प्रवक्ता ने कहा है कि डॉ हिमंत बिस्व सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद ड्रग्स तस्कर, मवेशी तस्करी सिंडिकेट, अपराध, डकैती आदि से जुड़े अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पुलिस ने अब जिनको गिरफ्तार नहीं कर पायी है उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी अब चिंतित हो उठी है।
उन्होंने कहा है कि छह जन समुदाय के जनजातिकरण को लेकर कांग्रेस पार्टी राजनीति करते आ रही है। जनगोष्ठी जनजातिकरण की मांग को चार दशक पहले उठाया गया था। लेकिन, लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने इस संबंध में कोई कार्यवाई नहीं की। जनगोष्ठी जनजातिकारण के क्षेत्र में नरेन्द्र मोदी और राज्य में डॉ हिमंत बिस्व सरमा नेतृत्वाधीन सरकार को व्यर्थ बताने वाली कांग्रेस के इस आरोप का राजनीतिक और सामाजिक रूप से कोई आधार नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/ देबोजानी/ अरविंद