किसान और कंपनी दोनों के लिए लाभकारी साबित हो रही भारत की एग्नेक्स्ट तकनीक
-एक युवा उद्यमी का प्रयास, दे दिया किसानों को लाभ में रखने का फार्मूला नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)।
कृषक और कंपनी दोनों के लिए लाभकारी साबित हो रही भारत की ये तकनीक


कृषक और कंपनी दोनों के लिए लाभकारी साबित हो रही भारत की ये तकनीक


कृषक और कंपनी दोनों के लिए लाभकारी साबित हो रही भारत की ये तकनीक


-एक युवा उद्यमी का प्रयास, दे दिया किसानों को लाभ में रखने का फार्मूला

नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। किसान जब धरती में बीज बो रहा होता है तब एक आशा उसके भीतर जागती है। वह भविष्य के सुनहरे सपनों को लेकर होती है। खासकर इस बात को लेकर कि आने वाले समय में यह बीज कई गुना होकर मुझे मिलेंगे। न केवल बीजों की वृद्धि संख्यात्मक होगी बल्कि यह बीज गुणवत्ता से भी भरपूर होंगे। गुणवत्ता मूल्यांकन की कमी के चलते विश्वस्तर पर कृषि व्यापार में लगभग 90 बिलियन डॉलर का नुकसान होता है। इसके परिणामस्वरूप किसानों के लिए कम लाभ और उपभोक्ताओं को ऊंची कीमत पर खाद्य वस्तुएं खरीदनी पड़ती हैं। बीज को परखने की वर्तमान गुणवत्ता प्रणाली मैनुअल है। इसके चलते 60 प्रतिशत तक परिणाम सही नहीं आते और खाद्य वस्तुएं बाजार में महंगी हो जाती हैं।

दरअसल, अब तक देखा यही जा रहा था कि भारत में तकनीकी तौर पर हर पैदावार के गुणात्मक अंतर को समझने की सही मैपिंग नहीं होने के कारण कृषि क्षेत्र कभी भी लाभ का धंधा नहीं बन पाया। जिस उत्साह से किसान खेतों में बीज बो रहा था, उसे उतना लाभ उसके एवज में नहीं मिला, लेकिन आज टेक्नोलॉजी ने इसे भी संभव कर दिखाया है। अब यदि किसान की उपज बेहतर है तो बाजार उसका सही दाम देगा। देश में इस तकनीक का अविष्कार कर किसानों की जिन्दगी में खुशियां भरने का काम तरनजीत सिंह भामरा ने कर दिया है। उनकी ''एग्नेक्स्ट'' कंपनी गरीब किसानों का जीवन भी तेजी से बदलने में लगी है। बाजार का विश्वास भी इस कंपनी के प्रयासों को देखकर इस तरह से पैदा हुआ है कि कई हाथ आगे होकर इस कंपनी को सहयोग दे रहे हैं।

''एग्नेक्स्ट'' बताती है हर उपज की सही गुणवत्ता

तरनजीत की कंपनी एग्नेक्स्ट अपनी प्रौद्योगिकी उत्पादों के माध्यम से हर उपज की गुणवत्ता बता देती है। उन्नत डेटा विश्लेषण के माध्यम से कंपनी तेजी से खाद्य गुणवत्ता मूल्यांकन प्रदान कर रही है। वह 99 प्रतिशत तक की रियल-टाइम सटीकता प्रदान करके आज कृषि मूल्य श्रृंखला में विश्वास, गति और पारदर्शिता लाने में मदद कर रही है। यही कारण है कि इस डीप-टेक एग्रीटेक स्टार्टअप, ''एग्नेक्स्ट टेक्नोलॉजीस'' ने जहां एक ओर वैश्विक स्तर के पुरस्कार प्राप्त करने में सफलता पाई है, वहीं इनके प्रयासों ने कृषि क्षेत्र के अनुसंधानों के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर विभिन्न माध्यमों से जुटाने में भी सफलता अर्जित की है।

कहने को ''एग्नेक्स्ट टेक्नोलॉजीज'' को स्थापित हुए अभी बहुत वर्ष नहीं हुए हैं। 2016 में स्थापित एग्रीटेक स्टार्ट-अप ने कुछ ही वर्षों में खाद्य गुणवत्ता मूल्यांकन, निगरानी और प्रबंधन के क्षेत्र में दुनियाभर में एक अग्रणी स्थान प्राप्त कर लिया है। कंपनी ने अनुकूल हार्डवेयर, एकीकृत सॉफ्टवेयर और डेटा एनालिटिक्स के सफल मिश्रण के आधार पर कृषि विकास से जुड़े हर उस नवाचार को शुरू करने का प्रयास किया है, जिससे कि किसान की जिन्दगी में ही नहीं, उसके उत्पाद को उपयोग में ला रहे लोगों एवं कंपनियों के जीवन में भी खुशहाली लाई जा सके।

इसके बाद कहा जा सकता है कि खाद्य गुणवत्ता के लिए दुनिया की पहली तकनीक विकसित करके ''एग्नेक्स्ट'' ने किसानों की उपज का उन्हें सही दाम मिलने का द्वार पूरी तरह से खोल दिया है। इससे जहां अब किसान मालामाल हो रहे हैं, वहीं इस तकनीक का फायदा विश्व के कई देशों में होना शुरू हुआ है, जिससे कि भारत का वैज्ञानिक कृषि अनुसंधान क्षेत्र में विशेष मान भी बढ़ा है।

दुनियाभर में बढ़ी है सुरक्षित खाद्य व्यापार की मांग

एग्नेक्स्ट के संस्थापक और सीईओ तरणजीत सिंह भामरा अपने प्रयासों एवं कंपनी के बारे में कहते हैं, ''कृषि के नए आधुनिक युग में सुरक्षित खाद्य व्यापार की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके लिए लगातार कृषि में हो रहे अनुसंधानों की गहरी पैठ भी बन रही है। एग्रीकल्चर डीप-टेक स्पेस में पहले मूवर्स के रूप में हमने अपनी नई एआई-आधारित तकनीक के माध्यम से भारत के मार्केट में गुणवत्ता-आधारित खाद्य व्यापार का भरोसा पैदा करते हुए लीडरशिप स्थापित करने में सफलता अर्जित की। फिर हमारे भागीदारों के लिए कंपनी द्वारा बनाया गया डीप-टेक सक्षम मूल्य हमारे विकास की कहानी को आगे बढ़ाने में सहायक होता गया। आज हम विश्वस्तर पर अपने संचालन को बढ़ाने के लिए तैयार हैं और अल्फा वेव इनक्यूबेशन (एडब्ल्यूआई) के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं, जिससे कि हमारी आरएंडडी पहलों में तेजी लाई जा सकेगी।''

मिल चुका है प्रतिष्ठित एआई गेम चेंजर्स अवार्ड

तरणजीत का कहना है कि आज ओमनीवोर और कलारी कैपिटल जैसी श्रेष्ठ कंपनियों से उन्हें निरंतर समर्थन मिल रहा है जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि हम सही दिशा में कार्यरत हैं। जितना अधिक हमारी प्रौद्योगिकि का विकास होगा उतना ही भारत व दुनियाभर में किसानों एवं तमाम कंपनियों को लाभ पहुंचेगा। जब उनकी कंपनी को नैसकॉम द्वारा प्रतिष्ठित एआई गेम चेंजर्स अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा था, तब उनके मन में एक ही विचार आ रहा था कि वे सही दिशा में आगे बढ़े हैं। कृषि पारिस्थितिक तंत्र में लगातार विरासत के मुद्दों को हल करने के लिए ''एग्नेक्स्ट'' के गहन-तकनीकी प्रयासों को इस तरह से मान्यता मिलना निश्चित ही हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

वे कहते हैं कि आप यह मानलीजिए कि कृषि में नवीन एआई प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने और मूल्य श्रृंखला में प्रत्येक हितधारक को लाभान्वित करने की एक बड़ी क्षमता है। हम इस क्षमता को वास्तविकता में बदलने के लिए कृषि क्रांति 4.0 में सबसे आगे काम कर रहे हैं। ''एग्नेक्स्ट'' ने अनाज, तिलहन, दूध, चायपत्ती, मसाले और पशु आहार जैसी तमाम वस्तुओं को लेकर उनके उपयोग के सही निष्कर्ष अब तक प्रस्तुत किए हैं। यही कारण है कि एग्नेक्स्ट के एआई कार्यान्वयन की कहानी को नैसकॉम ने अपने एआई गेम चेंजर्स संग्रह में शामिल किया।

प्रभावित करती है तकनीकी नवाचार की गहराई

इसके साथ ही अल्फा वेव इनक्यूबेशन फंड के प्रबंध निदेशक अनिरुद्ध सिंह इस कंपनी को लेकर अपनी राय रखते हैं कि अपने अद्वितीय डीप-टेक समाधानों के साथ, एग्नेक्स्ट वैश्विक स्तर पर कृषि मूल्य श्रृंखला को बदलने के लिए तैयार दिखाई देती है। कंपनी द्वारा अपने एआई प्लेटफॉर्म के निर्माण में दिखाए गए तकनीकी नवाचार की गहराई से हम बहुत प्रभावित हुए। हमें विश्वास है कि एग्नेक्स्ट कृषि-तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव वैश्विक स्तर पर करने में सक्षम होगी, इसलिए हम आज इसके साथ काम करने के लिए आगे आए हैं।

वहीं कंपनी में निवेश करनेवाले ओमनिवोर के पार्टनर सुभदीप सान्याल का कहना है कि ''एग्नेक्स्ट'' ने कई वस्तुओं को लेकर अद्वितीय डेटा सेट तैयार किया है। अपने डीप-टेक समाधानों को परिष्कृत करने पर प्रारंभिक वर्षों पर ध्यान केंद्रित करके वे अद्वितीय एआई-आधारित प्रौद्योगिकियों के निर्माण करने के साथ अपने से जुड़ी सभी कंपनियों को लाभ देनेवाली साबित हुई हैं। हम गुणवत्ता आधारित व्यापार को सक्षम करने के उनके मिशन में विश्वास करते हैं, यही कारण है कि हमारी कंपनी ने ''एग्नेक्स्ट'' में बड़ा निवेश किया है ।

खाद्य गुणवत्ता में सुधार के लिए तकनीक का उपयोग महत्वपूर्ण

कलारी कैपिटल के प्रिंसिपल मंदार दांडेकर ने कहते हैं कि ''एग्नेक्स्ट'' ने विशिष्ट रूप से एकीकृत हार्डवेयर का निर्माण किया है, जिसने पूरे मूल्य श्रृंखला में खरीद कार्यों को एक नई दिशा दी है। खाद्य गुणवत्ता में सुधार के लिए गहरी तकनीक का उपयोग करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। तरणजीत, स्पर्श, सुब्रत और टीम के बाकी लोगों द्वारा दिखाया गया जोश, लगन और परिश्रम बहुत प्रभावित करता है। इसीलिए ही हम उनकी इस विकास यात्रा में उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

एग्नेक्स्ट अभी एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसके पास अनाज, मसाले, चाय, दूध और पशु आहार सहित अन्य वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला में भौतिक के साथ ही रासायनिक स्तर पर समाधान मौजूद हैं। कंपनी ने पिछले चार वर्षों में कई श्रेणियों में दो मिलियन से अधिक खाद्य नमूने एकत्र किए हैं, जिसका अपना एक विशाल एआई डेटा है। ''एग्नेक्स्ट'' ने इस साल की शुरुआत में ही अपने उत्पादों का व्यावसायीकरण शुरू किया है। वहीं ''एग्नेक्स्ट'' आज पायलट प्रोजेक्ट के साथ दुनिया की शीर्ष कंपनियों के अलावा भारत में आईटीसी, गोदरेज, नैफेड जैसे शीर्ष स्तरीय ग्राहकों के साथ सफलतापूर्वक काम कर रही है।

''एग्नेक्स्ट'' में भरोसा कर जो नया पूंजी निवेश हुआ है, उसे लेकर अब कंपनी इस नए पूंजी प्रवाह के साथ अन्य नए क्षेत्रों में प्रवेश करने जा रही है। अखिल भारतीय उपस्थिति को मजबूत करने के साथ ही ''एग्नेक्स्ट'' मध्य पूर्व, यूरोप और दक्षिण एशिया जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करेगी। खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं में गुणवत्ता-संचालित व्यापार लेनदेन को सक्षम करने के लिए धन का उपयोग इसके तकनीकी प्लेटफॉर्म क्वालिक्स के विकास के लिए भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कंपनी अपने कमोडिटी पोर्टफोलियो में विविधता लाकर और नए भौगोलिक क्षेत्रों में खाद्य व्यापार को बेहतर, निष्पक्ष और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नवाचार में तेजी लाकर लक्षित बाजारों में गहरी पैठ बनाने के लिए अबूधाबी में एक नया कार्यालय स्थापित करने जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी/पवन