ग्राम पंचायत अधिकारी की गला दबाकर हुई थी हत्या, पोस्टमार्टम से खुला राज
- पारिवारिक कलह से चल रहे थे परेशान - हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए तीन टीमें गठित मीरजापुर, 30

- पारिवारिक कलह से चल रहे थे परेशान

- हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए तीन टीमें गठित

मीरजापुर, 30 जुलाई (हि.स.)। सीखड़ ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी संतोष सोनकर (44) ने फांसी लगाकर आत्महत्या नहीं की थी। उनकी गला दबाकर हत्या की गई थी। इसका पर्दाफाश दो डाक्टरों के पैनल द्वारा किए गए शव के पोस्टमार्टम के बाद आई रिपोर्ट से हुआ। हत्या की पुष्टि होने पर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने घटना का पर्दाफाश करने के लिए सीओ चुनार सुशील यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच, कछवां पुलिस व सर्विलांस सहित कुल तीन टीमें गठित की गई।

अहरौरा थाना क्षेत्र अंतर्गत सहुआइन गोला निवासी संतोष सोनकर की गला दबाकर हत्या किए जाने की खबर लगते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया। ब्लाक परिसर के अंदर सरकारी आवास में उनकी सरेआम हत्या होना सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करता है। उनकी हत्या करने वाला निश्चित रूप से कोई करीबी ही होगा, जो उनके साथ आया और उनको बहला-फुसलाकर सरकारी आवास पर ले गया और वारदात को अंजाम दिया। उनकी हत्या किसने ही इस पर मंथन चल रहा है।

कर्मचारियों का कहना है कि उनका किसी से विवाद नहीं था। वे काफी सीधे और कुशल व्यवहार वाले अधिकारी माने जाते थे, फिर उनकी हत्या किस बात को लेकर की गई। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या होने की आशंका जताने पर जांच शुरू कर दी गई है। कहा गया कि ग्राम पंचायत अधिकारी के साथ गुरुवार को कुछ लोग जरूर थे, जो उनको उस आवास तक ले गए। वहां अंदर बैठे और बातचीत के दौरान उनकी हत्या की। इसके बाद उनके शव को गमछे के सहारे फांसी पर लटकाकर पिछले दरवाजे से फरार हो गए। विभाग से लेकर परिवार तक के कुछ मामले को लेकर जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही घटना पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीडी गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत अधिकारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को संदिग्ध बताया गया है। इससे लगा रहा है कि उनकी हत्या हुई है।

सौम्य स्वभाव के थे संतोष सोनकर

ब्लाक परिसर के एक कमरे में फांसी के फंदे पर लटकते मिले ग्राम पंचायत अधिकारी संतोष कुमार सोनकर बहुत शांत स्वभाव के थे। लोगों से बड़ी शालीनता से बात करते थे। उनके पास ग्राम पंचायत मेड़िया व विट्ठलपुर का प्रभार था। उनकी मौत के बाद शुक्रवार को ब्लाक कार्यालय पर अधिकारियों व कर्मचारियों ने दो मिनट मौन रख संवेदना प्रगट की और पूरे दिन कार्य से विरत रहे।

कमरे में मिली तीन कुर्सी व मेज, बाहर खड़ी थी बाइक

अहरौरा के सहुआइन गोला निवासी राजेंद्र सोनकर के बड़े पुत्र संतोष अपनी पत्नी ज्योति, पुत्र शुभम (16) व दो पुत्रियों सौम्या (14) तथा सान्या (13) के साथ वाराणसी के अमरा क्षेत्र में किराए के मकान में रहते थे। मृतक अक्टूबर 2016 से सीखड़ ब्लाक में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात थे। जिस कमरे में संतोष का शव पाया गया, उसमें दो दरवाजे थे। कमरे के सामने उनकी बाइक खड़ी थी और हेलमेट उसी में टंगा पाया गया। कमरे के सामने वाले गेट में ताला लटक रहा था। गुरुवार की देर शाम संतोष की तलाश करते सहकर्मी जब कमरे के पास गए तो ताला लटकता देख अनहोनी की आशंका बलवती होती गई। सभी कमरे के पीछे वाले दरवाजे की तरफ गए। उधर से आना-जाना बिल्कुल नहीं होता था। पीछे का जर्जर दरवाजा हल्के प्रयास के बाद ही खुल गया और अंदर का दृश्य देख सभी के होश उड़ गए। संतोष का शव पंखे की हुक से गमछा के सहारे लटकता रहा था। कमरे में तीन कुर्सी व एक मेज पड़ा था। मृतक की दो मोबाइल, डायरी व कमरे की चाभी आलमारी पर पड़ी थी।

हिन्दुस्थान समाचार/ कमलेश्वर शरण