सरकार के खिलाफ साजिश मामला: झारखंड के राजनीतिक गलियारे में हड़कंप
रांची, 30 जुलाई (हि.स.)। राज्य सरकार के खिलाफ साजिश और विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले पर झारखंड क

रांची, 30 जुलाई (हि.स.)। राज्य सरकार के खिलाफ साजिश और विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले पर झारखंड के राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है। जिन विधायकों पर आरोप लगे हैं, वह सफाई देते नहीं थक रहे हैं लेकिन पूरे मामले पर अब तक सरकार और झारखंड पुलिस की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मामले में अब तक रांची पुलिस की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है।

पूरे मामले में तीन लोगों को सरकार के खिलाफ साजिश करने के आरोप में राजद्रोह समेत कई धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा गया। दिल्ली-मुंबई भेजकर विशेष टीम से जांच करवाई गई। होटलों के सीसीटीवी के फुटेज से सबूत भी मिल चुके हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी पूरे मामले में पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। झारखंड के सीनियर पुलिस अधिकारियों से लेकर जूनियर अधिकारियों तक इस मामले में सब खामोश हैं।

दूसरी ओर पुलिस सूत्रों ने बताया कि झारखंड की सरकार गिराने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार तीनों आरोपितों ने एक जैसा ही बयान दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, जय कुमार बेलखेड़े और चरण सिंह का नाम दो अभियुक्तों के कबूलनामे में आ चुका है। अमित ने भी पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वह बेलखेड़े के साथ हजारीबाग में एक विधायक से मिला था। वहां उक्त विधायक ने कहा था कि उनके पास आठ विधायक हैं। चार और विधायकों का इंतजाम करना होगा।

आरोपित अभिषेक दुबे के बाद अब एक अन्य आरोपित अमित सिंह ने पुलिस को बताया है कि मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान भाजपा के एक राष्ट्रीय नेता के बॉडीगार्ड के संपर्क में आया। उस बॉडीगार्ड ने जयकुमार बेलखेड़े से संपर्क करवाया। जुलाई महीने की पांच तारीख को जय बेलखेड़े ने उसे फोन किया और कहा कि तुम्हारे पास कोई विधायक है। अमित ने बताया है कि मैंने कहा कि हमारे एक करीबी हैं, जो स्थानीय विधायक के संपर्क में हैं। इसके बाद अमित और निवारण प्रसाद ने मनोज उर्फ गौरव कुमार से बातचीत की। बातचीत में यह तय हुआ कि 14 जुलाई को इस बारे में बैठक होगी। 14 जुलाई को सभी लोग ओरमांझी पहुंचे। वहां एक विधायक से हमारी मुलाकात हुई। अमित ने बताया कि वह उस विधायक को नहीं पहचानता था। वहां फिर बेलखेड़े से फोन पर बात हुई। वहां तय हुआ कि दिल्ली जाना है, उसके बाद उन लोगों को पांच लोगों का नाम दिया गया। 15 जुलाई को सभी लोग शाम 6:10 की इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली गये। एयरपोर्ट पर सभी को हिदायत दी गयी थी कि हर आदमी को जुबान बंद रखनी है। दिल्ली में सभी लोग होटल में रुके। एक गाड़ी में अमित सिंह, अभिषेक दुबे, चंद्रशेखर बावनकुले और चरणसिंह ठाकुर बैठे। दूसरी दूसरी गाड़ी में सभी विधायक और जयकुमार बेलखेड़े बैठे।

अमित ने बताया है कि सिक्युरिटी चेक के बाद सभी लोग दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेता के बंगले पर पहुंचे। वहां उनसे मुकालात के पहले सुरक्षाकर्मियों ने सबका मोबाइल जमा करवा लिया। चरणसिंह, बावनकुले, बेलखेड़े और सभी विधायक के रूम में चले गये। अमित सिंह समेत रांची से गये बाकी लोगों को बाहर ही रुकने को कहा गया। वहां से लौटने के बाद बेलखेड़े स्थानीय विधायकों के साथ किसी दूसरे होटल चले गये। बातचीत होने के बाद हम सब वापस रांची आ गये।दो दिन बाद फिर बेलखेड़े का फोन आया। उसने पूछा कि कोलकाता और पटना कितनी कितनी दूर है। कौन सा रूट सही होगा। अमित ने उसे कोलकाता का सुझाव दिया।

अमित ने बताया है कि रांची में उसकी मुलाकात संतोष कुमार से हुई।अमित ने उसे हजारीबाग चलने के लिए कहा। हजारीबाग के मॉनसून रेस्टोरेंट में उनकी मुलाकात बेलखेड़े से हुई। उसके साथ अभिषेक दुबे और एक और अनजान व्यक्ति था। वहां से सभी विधायक से मिलने के लिए कार से हजारीबाग निकले। शाम करीब सात बजे सर्किट हाउस में विधायक से मुलाकात हुई। बातचीत में विधायक ने कहा कि हमारे पास आठ विधायक हैं। चार और विधायकों का इंतजाम करना होगा। अमित ने बताया है कि सरकार गिराने के प्रयास में झारखंड के कुछ विधायक और महाराष्ट्र के लोग शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ विकास