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जयपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार व कांग्रेस द्वारा राष्ट्रवादी संगठन के खिलाफ किए जा रहे षडयंत्र को लेकर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि, राष्ट्रवादी संगठन के खिलाफ पीसीसी में इस तरह की घटना निंदनीय है, जो काम न्यायपालिका और एसीबी का है, उस पर दबाव बनाने का काम अब पीसीसी की बैठकों में किया जा रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण, असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक है।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, यह काम कानून का है, न्यायपालिका और प्रशासन की अपनी व्यवस्था है, लेकिन जब किसी राजनीतिक दल के कार्यालय में यह तय होने लगे तो फिर यह संस्थाएं क्या करेंगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जो काले बादल कांग्रेस पार्टी व राज्य सरकार पर मंडरा रहे हैं, उससे ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के प्रपंच मुख्यमंत्री गहलोत व कांग्रेस के अन्य नेता कर रहे हैं।
पूनियां ने पीसीसी चीफ और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के आरएएस परीक्षा में रिश्तेदारों को अनैतिक फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि इस घटनाक्रम के बाद डोटासरा आगे होकर अपना इस्तीफा देते और पूरे प्रकरण की निष्पक्षता से जांच करवाते, लेकिन इन सब से ध्यान भटकाने के लिए वो इस प्रकार का कृत्य कर रहे हैं, लेकिन इसका परिणाम कांग्रेस को आज नहीं तो कल भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को खुद को आकलन करना चाहिए कि देश के नक्शे से क्यों सिमटती जा रही है, डबल जीरो में फिगर क्यों आता है। ढाई साल में कांग्रेस सरकार की अंतर्कलह ने राजस्थान की जनता के मनोबल को नैतिक रूप से कमजोर किया, विकास के कार्य अवरूद्ध हुए।
जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये राज्य की कांग्रेस सरकार आए दिन साजिश रचती है, चाहे राजभवन का घेराव हो या राष्ट्रवादी संगठन के खिलाफ षडयंत्र की बात हो, यह सब कांग्रेस सरकार द्वारा सुनियोजित षडयंत्र किया जा रहा है। निकाय व पंचायतीराज चुनाव में भी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर कांग्रेस ने भाजपा के जनप्रतिनिधियों को परेशान किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप