सारण, 28 जुलाई (हि.स.)। जिले के दरियापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सढ़वारा गांव में विषाक्त मछली खाने से पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने जांच पूरी कर ली है लेकिन मामला उलझ गया है। फिलहाल पुलिस को आशंका है कि सरसों के जैसे दिखने वाले कीटनाशक के प्रयोग से घटना हुई होगी लेकिन यह पीड़ित परिवार के गले नहीं उतर रहा है। ऐसे में फोरेंसिक प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट आने पर ही सच्चाई का पता लगेगा।
सारण पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया है कि सढ़वारा गांव के सुभाष राय गरीबाचक ग्रामीण बाजार से मछली लाकर बनाये। अपने दोनों बच्चे बालाजी एवं मिथिलेश कुमार तथा अपने भाई के पुत्र विराज कुमार के साथ मछली खाये थे। खाना खाने के बाद रात में ही सभी की तबीयत खराब हो गई और घर पर ही बालाजी उम्र 18 वर्ष तथा विराज कुमार उम्र 05 वर्ष की मृत्यु हो गई।
सुभाष राय एवं मिथिलेश कुमार को गंभीर हालत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दरियापुर लाया गया, जहां से दोनों को पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया गया। पीएमसीएच में इलाज के दौरान सुभाष राय उम्र 50 वर्ष की मृत्यु हो गई, जबकि मिथिलेश राय का उपचार चल रहा है। पीड़ित परिजनों के अनुसार बुधवार को मिथलेश की हालत में सुधार है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सोनपुर ने घटना की जांच की। जांच में घटनास्थल पर बना हुआ मछली एवं चावल का अवशेष तथा चूल्हे के पास एक पॉलिथीन में तेज गंध वाला सरसों के दाना जैसा पदार्थ पाया गया, जो कीटनाशक थाईमेट है। जिस कढ़ाही में मछली बनाया गया है, उसे जब्त किया गया तथा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया।
घटनास्थल पर पूछताछ के दौरान पाया गया कि संभवत: मछली बनाने के क्रम में मसाला के रूप में प्रयोग होने वाले सरसों (राई) के स्थान पर सरसों जैसा दिखने वाला कीटनाशक थाईमेट भूलवश डाल देने के कारण यह घटना घटित हुई होगी। अभी तक फोरेंसिक प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। पुलिस मामले में विधि सम्मत जांच कर उचित कार्रवाई कर रही है। पीड़ित परिजनों का कहना है कि कीटनाशक की जो सीसी थी वह वैसे ही धूल भरी पॉलीथिन से बंधी थी। इसी तरह यह मामला फोरेंसिक प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट के बिना उलझा हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश कुमार यादव